नई दिल्ली: आतंकी हाफिज सईद सिर्फ आतंक फैलाने का एक्सपर्ट नहीं, बल्कि नाम बदलने में भी एक्सपर्ट है. हाफिज़ जब भी देखता है कि उसके आतंकी संगठन की तबाही तय है, वो आतंकी संगठन का नाम ही बदल देता है और नये नाम से दहशत फैलाने लगता है.


लश्कर का नया नाम, फिर भी होगा काम तमाम


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बार आतंक के आका हाफिज सईद ने कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा का नाम बदलकर TRF यानी द रजिस्टेंस फ्रंट रख दिया. नाम बदलने के पीछे उसका मकसद पाकिस्तान को बचाना है. क्योंकि अगर किसी आतंकी हमले में लश्कर का नाम आएगा तो उंगली पाकिस्तान पर ही उठेगी.


जब मौत आई तो लश्कर ने बदला नाम


लेकिन टीआरएफ के जरिये हाफिज ये दिखाना चाहता है कि ये कश्मीर का ही संगठन है. आपको याद दिला दें कि जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में हुई आतंकी मुठभेड़ में टीआरएफ का ही नाम सामने आया.


लश्कर का नया नाम द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF)


हंदवाड़ा में सेना के दो अधिकारी समेत सुरक्षाबल के कुल 5 जवान शहीद हुए और इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ही ली. लेकिन इस नाम ने सेना को बिल्कुल भी हैरान नहीं किया, क्योंकि खुफिया एजेंसियां TRF को पहले से ट्रैक कर रही थी.


इसे भी पढ़ें: तीसरे विश्वयुद्ध की आहट, जानिए कैसे हो सकती है शुरुआत


टीआरएफ लश्कर का ही नया नाम है और बताया जा रहा है कि हाफिज सईद ने लश्कर का नया नामकरण पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की सलाह पर किया है. लेकिन शायद इन आतंकियों को अबतक हिंदुस्तान के शूरवीरों की ताकत का अदाजा नहीं हुआ है. हाफिज और पाकिस्तान के आतंकवादियों को ये चेतावनी है कि चाहे तुम लश्कर का रखो कोई भी नाम, "सबका काम तमाम होगा"


इसे भी पढ़ें: राष्ट्रवादी पत्रकारों को परेशान करने की साजिश, जी न्यूज के एडिटर-इन-चीफ के खिलाफ FIR



इसे भी पढ़ें:  अगले तीन महीने में कैसा होगा कोरोना का हाल, एम्स के डायरेक्टर ने कही बड़ी बात