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नई दिल्ली.  आज कंप्यूटर चलाने वाली दुनिया की एक बहुत बड़ी तकनीकी मदद की थी कट, कॉपी, पेस्ट यूजर इंटरफेस देकर आधुनिक युग के कम्प्यूटर वैज्ञानिक लैरी टेस्लर ने. 74 वर्षीय लैरी टैस्लर का निधन हो गया है. लैरी को सारी दुनिया   में यूजर इंटरफेस को लेकर कई बड़े शोधों के लिए जाना जाता है. 



 


कट कॉपी और पेस्ट के बिन सब सून 


आज जब हम कम्प्यूटर पर काम कर रहे होते हैं कट, कॉपी और पेस्ट हर कदम पर हमारे साथ होते हैं. इनके बिना शायद ही कंप्यूटर या सोशल मीडिया पर कोई जरूरी काम किया जा सकता है. स्टीव जॉब्स भी जिस शख्स के एहसानमंद होंगे वे कट कॉपी पेस्ट के अविष्कारक लैरी टैस्लर अब हमारे बीच नहीं रहे किन्तु उनका योगदान हमें सदा ही उनका स्मरण कराता रहेगा. 


न्यूयॉर्क के रहने वाले थे टैस्लर 


यूजर इंटरफेस यानी UI का सबसे अहम इस्तेमाल कट, कॉपी और पेस्ट के रूप में होता है. इस कट, कॉपी और पेस्ट को किसी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर डेवेलपर ने नहीं बल्कि एक साइटिंस्ट ने तैयार किया था. जिन्हें हम लैरी टेस्लर के नाम से जानते हैं. टैस्लर का जन्म न्यूयॉर्क में हुआ था. स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी से टैस्लर ने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की थी. 1973 में उन्होंने पार्क याने ज़ेरॉक्स पालो आल्टो रिसर्च सेण्टर में प्रवेश लिया और उसके बाद कट, कॉपी और पेस्ट यूजर इंटरफेस के इस आविष्कार की यात्रा शुरू हुई.



 


टिम मॉट ने की शुरुआती मदद 


पार्क में टेस्लर को मिले दूसरे कम्प्यूटर वैज्ञानिक टिम मॉट जिन्होंने टैस्लर की  जिप्सी टेक्स्ट एडिटर तैयार करने में मदद की. यही जिप्सी टेक्स्ट एडिटर के माध्यम से इन दोनों टैस्लर ने टेक्स्ट को कॉपी और मूव करने के लिए एक मोडलेस प्रक्रिया का निर्माण किया. बस उसके बाद से ही ही कट, कॉपी और पेस्ट सारी दुनिया करने लगी लेकिन लैरी को लोग फिर भी नहीं जानते थे. 


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