नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चेतावनी के बाद से चीन डरा हुआ है. चीन की सरकार डरी हुई है, चीन की मीडिया डरी हुई है. ये डर ही है जिसकी वजह से चीन रात से सुबह तक अपना सारा समय भारत को धमकी देने में बिता रहा है. 


सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की गीदड़भभकी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गुरुवार की सुबह चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि "अगर भारत सीमा पर तनाव बढ़ाता है तो उसे दो या तीन फ्रंट पर सैन्य लड़ाई लड़नी पड़ सकती है और इसे भारतीय सेना संभाल नहीं पाएगी. ये भारत के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है. चीन, पाकिस्तान या नेपाल की सीमा पर भारत को सामना करना पड़ सकता है."


अब आप ये समझिए कि चीन का सरकारी समाचार पत्र जिस दो या तीन फ्रंट का जिक्र कर रहा है. इसका मतलब क्या है?


चीन, पाकिस्तान और नेपाल की सीमा पर हमले की 'धमकी'


इसका मतलब है चीन, पाकिस्तान और नेपाल. क्योंकि चीन ये मानता है कि इस समय भारत का पाकिस्तान और नेपाल के साथ भी सीमा पर तनाव जारी है. जबकि पाकिस्तान और नेपाल को लेकर उसकी राय ये है कि ये दोनों देश चीन के इशारे पर काम करेंगे.


गलतफहमी में जी रहा है चमगादड़ चीन


नेपाल के लोगों का भारत प्रेम तो चीन को देखना चाहिए, ज़ी मीडिया के जमीनी पड़ताल में लोगों ने भारत के प्रति अपना प्रेम दिखाया है. और भारत को हल्के में लेने की चीन की दूसरी गलतफहमी भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूर कर चुके हैं. नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही कहा था कि कोई देश भ्रम में ना रहे.


इन तीन मोर्चे पर चालबाज चीन को मिलेगी मात


लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत का बदला तीन मोर्चों पर लेने की तैयारी है. सैन्य मोर्चा, कूटनीतिक मोर्चा और आर्थिक मोर्चा.


जहां तक सैन्य मोर्चे का सवाल है तो चीन से लगी सीमा पर भारतीय सैनिक दुश्मनों को जवाब देने के लिए तैयार हैं. कूटनीतिक मोर्चे पर भारत को हर उस देश का समर्थन मिल रहा है जो चीन के अतिक्रमणकारी नीति से परेशान है. और आर्थिक मोर्चे पर देश के 135 करोड़ लोग अब भारतीय बाज़ार से चीन को भगाने के लिए मुहिम छेड़ चुके हैं.


इसे भी पढ़ें: सीमा पर बढ़ी नेपाल सेना की गतिविधियां


अगर इन तीनों मोर्चों पर भारत ने बढ़त बना ली तो चीन का पतन सुनिश्चित है. ऐसे में सबसे खास बात चीन के लिए यही होगी कि वो अपनी हद को समझ ले, क्योंकि बार-बार अपनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से भारत को धमकियां न दे, वरना भारत किसी को भी गलती की सजा देने और सबक सिखाने की ताकत रखता है.


इसे भी पढ़ें: 'धोखे' का दूसरा नाम चीन! धोखेबाजी के 4 पुख्ता सबूत


इसे भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं कि आखिर LAC पर क्यों नहीं होती गोलीबारी?