नई दिल्ली. एक साल चौबीस दिन पहले 5 अगस्त 2019 को देश की एक ऐतिहासिक समस्या का समाधान करते हुए मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में धारा तीन सौ सत्तर को अलविदा कह दिया था. उस समय कहा जा रहा था कि अब घाटी खून से लाल हो जायेगी. लेकिन सच ये है कि घाटी खुद चाहती थी कि यहां अमन चैन वापस आये. अब असर दिख रहा है इस ऐतिहासिक निर्णय का. आतंकी भी करने लगे हैं आत्मसमर्पण.
आत्मसमर्पण के साथ शुक्रिया भी किया
जम्मू कश्मीर की बदली आबोहवा में आतंकी भी चाहने लगे हैं कि वे मुख्यधारा से जुड़ें. शोपियां में यही देखने को मिला. सेना ने यहां एक मुठभेड़ में अलबदर के जिला कमांडर शकूर पर्रे सहित चार आतंकियों को बहत्तर हूरों के पास भेज दिया था उसके बाद ही एक आतंकी ने खुद सेना के पास आ कर आत्मसमर्पण भी किया और सेना को शुक्रिया भी कहा.
मेडिकल की पढ़ाई पूरी करना चाहता है
इस आत्मसमर्पण करने वाले आतंकी का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमे दिख रहा है कि वह मुख्यधारा में वापस लाने के लिये सेना को धन्यवाद दे रहा है. इस आतंकी ने आत्मसमर्पण के बाद कहा कि मैं फौज का एहसानमन्द हूं क्योंकि उन्होंने मुझे सुधरने का मौका दिया है. आगे उसने कहा कि अब मैं अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करूंगा और देश का नाम रोशन करूंगा.
शकूर और सुहैल भट मारे गये
यहां पदस्थ आईजी विजय कुमार इस आतंकी मुठभेड़ के बारे में बताते हैं कि यहां हुए एक पंच के अपहरण और कत्ल की साजिश में शामिल अलबदर का जिला कमांडर शकूर और सुहैल भट को इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है. कुल चार आतंकी मारे गए हैं जिनमें से बाकी दो आतंकियों की पहचान भी हो गई है और उनका नाम जुबैर नेंगरू और शकीर उल जब्बार बताया गया है.