नई दिल्ली: कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे पहले चीन में शुरू हुआ था. दुनिया का मानना है कि चीन के झूठ बोलने की वजह से और सच छिपाने के कारण दुनियाभर में हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. चीन खुद अपने यहां कोरोना से मरने वालों के आंकड़े छिपा रहा है इसलिये उसकी वेबसाइट और सभी सरकारी कार्यालय हैकर्स के निशाने पर हैं. हैकर्स चीन का सच जानने के लिए उसके दूतावासों पर साइबर हमला कर रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कम्पनी के VPN पर कर रहे हमला


ज्ञात हो कि चीन की सबसे बड़ी वेब सिक्योरिटी प्रोवाइडर कंपनी कीहू 360 ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि अप्रैल महीने से लेकर अब तक करीब 200 बार उनके VPN पर अटैक देखने को मिले हैं.


कंपनी ने यह भी दावा किया है कि ये अटैक प्रतिष्ठित हैकरों के एक संगठन “Darkhotel” द्वारा किए जा सकते हैं, जो कि पूर्वी एशिया से ऑपरेट करता है. यह भी जानकारी सामने आई है कि पिछले कुछ दिनों में इटली, यूके, उत्तर कोरिया और थाइलैंड में स्थित चीनी दूतावासों पर ये साइबर हमले हुए हैं.


कोरोना के मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप और WHO में तकरार तेज, जानिये क्यों?


WHO और चीन की मिलीभगत उजागर करने की कोशिश


सभी लोग कह रहे हैं कि चीन में कोरोना के कारण दिसंबर से लोग मर रहे थे लेकिन सबकुछ जानने के बावजूद WHO ने इसे वैश्विक महामारी घोषित नहीं किया. इस कारण से चीन और WHO की नापाक और साजिशाना मिलीभगत उजागर होना जरूरी है.


 शायद इसीलिये केवल चीनी वेबसाइट्स पर ही नहीं बल्कि ऐसे ही साइबर हमले हाल ही में डबल्यूएचओ की वेबसाइट्स पर भी देखने को मिले हैं. WHO के साथ-साथ बीजिंग में भी ऐसे ही साइबर हमले लगातार किए जा रहे हैं.


चीन और WHO छिपा रहे हैं सच्चे तथ्य


चीन और WHO पर लगातार इस बीमारी से जुड़े सही तथ्यों को छिपाने के आरोप लगते रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि चीन कोरोना से जुड़े मामलों और इस बीमारी से हुई मौतों को भी कई गुना तक कम करके दुनिया को बता रहा है.


साथ ही दुनिया में कुछ नेताओं ने इस ओर भी इशारा किया है कि चीन इस वायरस की मदद से जियो-पॉलिटिकल लाभ उठाना चाहता है. जिस प्रकार अब हैकरों ने चीन को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, उससे इस बात की आशंका भी काफी बढ़ गयी है कि ये हैकर सही जानकारी प्राप्त करने और कोरोनावायरस के बारे में असली तथ्य जानने के लिए ऐसे हमले कर रहे हैं.


सही आंकड़े छिपाने के लिए पूरी दुनिया में बदनाम है चीन


दुनिया के सामने कोई भी आधिकारिक आँकड़ा रखने के मामले में चीन काफ़ी बदनाम है. अर्थव्यवस्था को लेकर चीन के आँकड़ों को लेकर यह काफी हद तक सच है जो कि देश और सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी दोनों की प्रगति का एक प्रमुख पैमाना है. लेकिन चीन का झूठ कई बार दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है. चीन की ओर से जारी किए गए आँकड़ों और संक्रमण पूरी तरह रोक पाने के दावों पर लगातार संदेह बना हुआ है.