ट्रम्प ने कराई इज़राइल और यूएई की दोस्ती
ये एक ऐतिहासिक वैश्विक मिसाल है जिसमें 72 साल बाद दो कट्टर दुश्मन एक दूसरे के मित्र बने हैं और अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ है यह ऐतिहासिक समझौता..
नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रम्प अब अगले अमेरिकन राष्ट्रपति के कार्यकाल में अस्तित्वमान नजर आय़ें या न आयें, कम से कम इस ऐतिहासिक योगदान के लिए तो उनको हमेशा याद किया जायेगा. ट्रंप ने की है मदद और कराई है दो कट्टर दुश्मनों की दोस्ती. अब इज़राइल और यूएई मित्र राष्ट्र हैं.
हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता
मुस्लिम राष्ट्रों का कट्टर दुश्मन इज़राइल अब एक प्रमुख मुस्लिम देश का दुश्मन नहीं है क्योंकि उनके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद से हुआ है एक ऐतिहासिक शांति समझौता. कई वर्षों से चली आ रही दुश्मनी ने यूटर्न लिया है और दोस्ती के मुकाम पर आकर मिले हैं ये दोनों राष्ट्र. दोनों राष्ट्रों के बीच हुए शांति समझौते के अंतर्गत अब दोनो ही देश एक दूसरे से राजनयिक संबंधों के माध्यम से भी जुड़ने जा रहे हैं.
ट्रम्प ने दिया वक्तव्य
अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान जारी करके कहा कि इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात ने फिलिस्तीनियों द्वारा अपने लिए मांगी गई भावी कब्जे वाली जमीन के अनुलग्नक को रोकने के लिए यह अहम कदम उठाया है. अब एक समझौते के माध्यम से ये दोनों देश इस अनुलग्नक के हिस्से के तौर पर आपस में पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए राजी हुए हैं.
इज़राइल छोड़ेगा वेस्ट बैंक
अमेरिका से जारी हुए बयान में ये भी बताया गया है कि इस समझौते के अंतर्गत इज़राइल ने वेस्ट बैंक इलाके पर अधिकार करने की योजना को स्थगित कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू तथा डोनाल्ड ट्रंप के बीच गुरूवार 13 अगस्त को फोन पर हुई कॉनफेरेन्स कॉल में काफी देर बातचीत चली और उसके बाद परिणाम के रूप में ये समझौता अस्तित्व में आया.
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