What Is CPA: यह फंगस इंफेक्शन खासकर फेफड़ों की बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है.
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क्रोनिक पल्मोनरी एस्परगिलोसिस (CPA) एक फंगस इंफेक्शन है, जिससे हर साल दुनिया भर में लगभग 3.40 लाख लोगों की जान जाती है. हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ कि फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित एक-तिहाई मरीजों के लिए CPA जानलेवा साबित हो सकता है.
इस स्टडी में यह भी पाया गया कि फेफड़ों में पहले से कोई रोग होने पर CPA से संक्रमित व्यक्ति की 5 साल में मौत की संभावना 32 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. यह रिसर्च 'लांसेट इंफेक्शस डिजीज' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसमें दुनियाभर से एकत्र किए गए 8,778 मरीजों के आंकड़े शामिल हैं.
कैसे होता है ये जानलेवा इंफेक्शन
यह फंगस इंफेक्शन हवा में मौजूद ऐस्पेर्गिलस नामक फफूंद के कणों से होता है, जो लंग्स में पहुंच कर धीरे-धीरे स्थिति को बिगाड़ता है. इसके लक्षण महीनों या सालों के बाद भी नजर आ सकते हैं. हालांकि इस फफूंद के संपर्क में आने से अधिकांश स्वस्थ व्यक्तियों को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन जो लोग पहले से फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह स्थिति खतरनाक हो सकती है.
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क्रोनिक पल्मोनरी एस्परगिलोसिस के लक्षण
थकावट
अचानक वजन में कमी
सांस लेने में कठिनाई
खून की खांसी
बिना खांसी बलगम
लंबे समय से खांसी
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इन बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है!
एस्परगिलोसिस एस्परगिलस फंगस के इंफेक्शन से एलर्जिक ब्रोंकोपल्मोनरी एस्परगिलोसिस, एस्परगिलोमा, क्रॉनिक पल्मोनरी एस्परगिलोसिस और इनवेसिव एस्परगिलोसिस होने का खतरा रहता है, जो फेफड़ों को गंभीर खतरे में डाल देती है.
क्या है इलाज?
एंटीफंगल दवाओं और सर्जरी के माध्यम से CPA का इलाज संभव है. उचित समय पर उपचार से रोग के लक्षणों में सुधार होता है और मौत का खतरा भी कम हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.