इन 59 चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगाने से भारत को क्या फायदा और चीन को क्या नुकसान?
अहम सवाल ये है कि चीन के 59 ऐप्स पर पाबंदी लगाने से भारत को फायदा और चीन को क्या नुकसान होगा. इन ऐप्स पर प्रतिबंध के बाद भारत में कुछ लोग परेशान और हैरान जरूर होंगे. क्योंकि ये ऐप्स उनकी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन गए थे. लेकिन ऐप्स पर पाबंदी उनके हित में ही है. इस रिपोर्ट को पढ़कर ऐसे लोग संतुष्ट हो जाएंगे..
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में इस वक्त सबसे बड़ी खबर यही है कि भारत ने चमगादड़ चीन के 59 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाकर उसे हाई वोल्टेज झटका दिया है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत ने चीन के 59 ऐप्स पर पाबंदी तो लगा दी है, लेकिन इससे हिन्दुस्तान को क्या फायदा और चीन को क्या नुकसान होने वाला है?
लालच देकर आपका इस्तेमाल करता है चीनी Apps
सबसे पहले आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि चीन में बने Mobile Apps का इस्तेमाल करने से ना सिर्फ आप अपनी जानकारी जाने-अनजाने में चीन की उन कंपनियों तक पहुंचाते हैं, बल्कि वो कंपनियां अपनी सरकार को निजी जानकारियां मुहैया कराती हैं. इसके लिए आपको एग्जांपल के तौर पर ये समझिए कि जब आप अपने मोबाइल में चीनी ऐप्स को इन्सटॉल करते हैं तो उसके इस्तेमाल करने के लिए आपसे 45 फीसदी से अधिक फोन के परमिशन ले लिये जाते हैं. जो कैमरा, माइक्रोफोन वगैरह से जुड़े होते हैं.
जब आप इन्हें परमिशन दे देते हैं तो जरूरत पड़ने पर इन Apps का इस्तेमाल करके आपकी निजी जानकारी बड़ी ही आसानी से हासिल की जा सकेगी. खास बात तो ये है कि इससे आपके हर एक मूवमेंट पर चीन खुफिया तरीके से निगरानी रख सकता है. जो हर किसी के लिए घातक साबित हो सकती है.
TikTok के जरिए चीन ने भारत पर किया 'कब्जा'
आपको ये जानकर हैरानी होगी की TikTok के इस्तेमाल से चीन ने इस साल सितंबर माह तक सिर्फ भारत से करीब 100 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य रखा था. यानी वो चाहता है कि भारत में व्यापार करके अपनी जेब भरे और सीमा पर हिन्दुस्तान की जमीन पर घुसपैठ करता रहे. आंकड़े तो ये भी कहते हैं कि TikTok की कमाई भारत से दुनिया की तुलना में औसतन 30 से 40 फीसदी है. यानी टिक-टॉक चीन का सबसे बड़ा डाकू है, जिसने देश की जेब काटने का काम किया है.
चीन के व्यापार का केंद्र है भारत, मत लो पंगा
आपको बता दें, पिछले साल यानी 2019 में ही चमगादड़ चीन से भारत आने वाले सामानों की कीमत तकरीबन 5 लाख करोड़ रुपये रही, और अगर भारत से चीन जाने वाले सामानों की बात करें तो उसकी कीमत सिर्फ 30 हजार करोड़ रुपये थी. मतलब साफ है भारत-चीन के बीच आयात और निर्यात में काफी बड़ा फासला है.
चीन को भी अब समझ आ रहा है कि उसने LAC पर भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला कर कितनी बड़ी गलती कर दी है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत से व्यापार में कमी का अनुमान लगाया है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा "भारत में चीन के खिलाफ राष्ट्रवाद आर्थिक क्षेत्र तक पहुंच गया है. साथ ही घातक कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव की वजह से इस साल भारत-चीन में द्विपक्षीय व्यापार 30 प्रतिशत से ज्यादा गिर जाएगा."
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अब साफ है भारत के बाज़ार से चीन के 59 Apps की विदाई हो जाने के बाद, भारत से हजारों करोड़ रुपये कमाने का चीन का ये सपना अधूरा रह जाएगा. सबसे बड़ी बात तो ये कि भारत का पैसा अब भारत में ही रहेगा. यानी भारत की जेब काटकर अपना पेट भरने और मौज करने का चीनी सपना अब पानी में घुल जाएगा, मिट्टी में मिल जाएगा.
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