भारत ने बढ़ाया दबाव तो `गिड़गिड़ाने` लगे महातिर मोहम्मद?
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के कस बल ढीले हो गई हैं. कई मौकों पर भारत विरोधी रुख अख्तियार करने के बाद उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि मलेशिया भारत के सामने कभी नहीं टिक सकता है. वो बहुत छोटे हैं.
नई दिल्ली: मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने स्वीकार किया है कि वह भारत के सामने बेहद छोटे हैं और किसी तरह का बदला ले पाने में सक्षम नहीं हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि महातिर को ये ज्ञान तभी क्यों आया जब उनके बयान के कारण मामला हाथ से निकल गया और भारत ने मलेशिया पाम आयल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया.
कुछ इस तरह महातिर मोहम्मद ने दिखाई बेबसी
मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सोमवार को बयान दिया है कि उनका देश भारत द्वारा पाम ऑयल आयात का बहिष्कार करने पर किसी तरह की जवाब कार्रवाई नहीं करने की स्थिति में नहीं है. भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था के सामने मलयेशिया कहीं नहीं टिकता है, इसलिए जवाबी कार्रवाई की सवाल ही नहीं उठता है. महातिर ने स्वीकार किया कि 'हम जवाबी कार्रवाई करने के लिहाज से बेहद छोटे हैं. हमें इससे उबरने का तरीका और साधन ढूंढना होगा.'
इस वजह से 'औकात' में आ गए महातिर
महातिर मोहम्मद इसलिए माफी मांगने भारत के सामने गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर हो गए हैं, क्योंकि भारत के खिलाफ बेबुनियाद बयानबाजी करना उनके देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद भारी पड़ रहा है.
दरअसल भारत को अपनी विशाल आबादी के लिए भारी मात्रा में खाद्य तेल आयात करने की जरुरत पड़ती है. उधर मलेशिया की अर्थव्यवस्था खाद्य तेलों के निर्यात पर टिकी हुई है. मलयेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम तेल का उत्पादक देश है. हाल फिलहाल तक मलयेशिया भारत को सबसे ज्यादा खाद्य तेल निर्यात करता था.
लेकिन दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ने के बाद भारत ने मलेशिया से खाद्य तेल के आयात पर रोक लगा दी थी. जिससे मलेशिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है. जिसकी वजह से महातिर मोहम्मद भारत के सामने झुकने के लिए मजबूर हो गए हैं.
भारी संकट में है मलेशिया की अर्थव्यवस्था
भारत ने पिछले पांच वर्षों सालों के दौरान मलयेशिया से सबसे ज्यादा पाम ऑयल खरीदा है. एक तरह से मलेशिया का खाद्य तेल बाजार भारत पर ही टिक गया था. लेकिन भारत के बहिष्कार के बाद मलेशिया के सामने भारी संकट खड़ा हो गया है. मलेशिया को ऐसा आयातक नहीं मिल रहा है जो भारत की तरह एकमुश्त सबसे ज्यादा पाम ऑयल खरीदने के लिए तैयार हो. भारत द्वारा मलेशियाई तेल के बहिष्कार के बाद पिछले सप्ताह फ्यूचर मार्केट में बेंचमार्क मलयेशियाई पाम ऑइल का दाम 10 प्रतिशत गिर गया जो 11 साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट थी.
अपनी दुर्गति के लिए मलेशिया ही है जिम्मेदार
अपनी अर्थव्यवस्था की बर्बादी के लिए मलेशिया ही जिम्मेदार है. भारत और मलेशिया में सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन मलेशिया ने भारत को चिढ़ाने के लिए पिछले दिनों ऐसी कई हरकतें की जिससे भारत के सब्र का बांध टूट गया.
1. भारत में तलाश किए जा रहे भड़काऊ इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक को शरण दी
2. भारतीय संसद द्वारा धारा 370 हटाए जाने की आलोचना करके हमारे आंतरिक मामलों में दखल दिया.
3. भारतीय संसद द्वारा नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना करके राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया.
भारत ने मलेशिया से पाम ऑयल आयात पर प्रतिबंध लगाकर अचानक कोई कदम नहीं उठाया है. बल्कि इसके पहले मलेशिया को कई बार चेतावनी जारी की गई. लेकिन मलेशिया सुनने के लिए तैयार नहीं हुआ. जिसके बाद भारत ने वहां से आने वाले आयात पर कई तरह के ड्यूटी लगाई. इसके पहले ही भारत के देशभक्त व्यापारियों ने मलेशिया के पाम ऑयल का अपनी तरफ से बहिष्कार शुरु कर दिया था.
जिसके बाद मलेशिया के बुजुर्ग प्रधानमंत्री गिड़गि़ड़ाने के लिए मजबूर हो गए हैं.
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