नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संकट है और इससे सबसे अधिक तबाही अमेरिका में मच रही है. अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस महासंकट के समय में अमेरिका को भगवदगीता की याद आयी है. अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद तुलसी गाबार्ड ने एक कार्यक्रम में कहा कि गीता भगवान श्री कृष्ण के मुख से निकला ऐसा अमृत है जिसमे सभी समस्याओं और संकटों का समाधान निहित है.


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गीता पढ़ने से व्यक्ति को मिलती है शांति


 सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा कि इस अस्त-व्यस्त दौर में व्यक्ति को भगवद् गीता में निश्चितता, शक्ति और शांति मिल सकती है. ऑनलाइन दिए संबोधन में हवाई से 39 वर्षीय कांग्रेस सदस्य  तुलसी गाबार्ड ने कहा कि यह अव्यवस्था का दौर है और कोई भी यकीन के साथ यह नहीं कह सकता कि आने वाला कल कैसा होगा. जब मानवता पर सबसे बड़ा संकट है तब गीता समूची मानव जाति के लिए प्रासंगिक है. उनके बयान से ये पता चलता है समस्त देशों में सनातन भारतीय संस्कृति अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाती है.


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अमेरिका के वर्तमान हालात पर महत्वपूर्ण हैं गीता के सिद्धांत


अमेरिका में इन दिनों भीषण दंगे और हिंसा हो रही है. पुलिसकर्मी के द्वारा एक अश्वेत की हत्या के बाद से अमेरिका में लूटपाट और आगजनी हो रही है. कोरोना संक्रमण के बावजूद लोग सड़कों पर उतरकर हिंसा कर रहे हैं. ऐसे समय में भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिया गया अमूल्य ज्ञान सर्वमानव समाज के लिए अनुकरणीय है. गीता में भगवान ने अर्जुन को सत्य और धर्म के उचित पालन का उपदेश दिया था.


हिन्दू छात्र परिषद के कार्यक्रम में बोलीं तुलसी


गौरतलब है कि हिंदू छात्र परिषद द्वारा सात जून को पहली बार आभासी हिंदू कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसे फेसबुक और यूट्यूब के जरिए हजारों लोगों ने देखा. जब जब मानवता पर कोई संकट आता है तब तब श्रीमद्भगवतगीता लोगों का मार्गदर्शन करती है. सभी कोविड-19 संकट के दौरान एकजुटता के लिए साथ आए. गबार्ड ने छात्रों से कहा, हमें भक्ति योग और कर्म योग के अभ्यास में निश्चितता, शक्ति और शांति पा सकते हैं जो हमें कृष्ण द्वारा भगवत गीता में सिखाया गया है. उन्होंने गीता को समस्त मानवजाति के लिए प्रासंगिक बताया.