नई दिल्ली: अमेरिका में एक तरफ कोरोना वायरस कहर ढा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अश्वेतों द्वारा भीषण हिंसा की जा रही है. पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. इस भीषण संकट के बीच इसी साल अमेरिका की जनता को अपना अगला राष्ट्रपति चुनना है. वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन से मुकाबला हो सकता है. राजनीतिक रूप से डोनाल्ड ट्रंप को भी अमेरिका में कड़ी चुनौती मिल रही है. जो बिडेन ने डोनाल्ड ट्रंप के बारे में बड़ा बयान दिया है जिसकी पूरे विश्व में चर्चा हो रही है.
चुनाव हारने पर तानाशाही कर सकते हैं ट्रंप- बिडेन
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिद्वंदी जो बिडेन ने आशंका जताई थी कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनावों में धांधली कर सकते हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर ट्रंप हार जाते हैं तो वो आसानी से अपना ऑफिस नहीं छोड़ेंगे. अगर ऐसा होगा तो सेना को उन्हें व्हाइट हाउस से बाहर निकलवाना पड़ेगा. चुनाव हारने पर अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति लोकतंत्र के खिलाफ जाकर तानाशाही भी कर सकते हैं. विपक्षी जो बिडेन के इस बयान से डोनाल्ड ट्रंप बहुत नाराज हैं और उन्होंने बिना देर किए बिडेन को करारा जवाब दिया.
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देश के लिये 'बुरा' होगा मेरा चुनाव हारना- डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जो बिडेन झूठ बोलकर लेफ्ट के लोगों के द्वारा देश में वातावरण और अधिक खराब करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए ये बहुत बुरा होगा अगर मेरे जैसा व्यक्ति राष्ट्रपति चुनाव हार गया. ट्रंप ने उन आशंकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें यह डर जताया गया था कि अगर ट्रंप नवंबर में चुनाव हारते हैं तो वह अपनी इच्छा से कार्यालय नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने पूरी तत्परता से दोहराया कि अगर वह दोबारा चुने जाने में नाकाम होते हैं तो यह देश के लिए 'बुरा' होगा.
इसी साल होने हैं राष्ट्रपति चुनाव
अमेरिका में इस साल नवंबर में चुनाव होना है. रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन से होने की संभावना है. अभि जो बिडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित नहीं हुए हैं. ये राष्ट्रपति चुनाव बहुत अहम है. इस बार चुनाव में हाल की घटनाओं जैसे कोरोना वायरस महामारी के कारण अमेरिका में एक लाख से अधिक लोगों की मौत होना, अर्थव्यवस्था में हुए नुकसान के चलते चार करोड़ लोगों का बेरोजगार हो जाना और अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हुई भीषण हिंसा जैसे कई ज्वलंत मुद्दे हावी रहेंगे.