Himachal Pradesh News: बिलासपुर में वन अधिकार समिति के नाम पर किया गया बड़ा फर्जीवाड़ा
Himachal Pradesh News: बिलासपुर जिला के नौणी पंचायत में कचरा डंपिंग साइट बनाने व वन अधिकार समिति के नाम पर ग्रामीणों के जाली हस्ताक्षर करवाने का मामला सामने आया है. इस मामले में ग्रामीणों ने उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक को ज्ञापन सौंपकर जांच करने की मांग की है.
विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में वन अधिकार समिति के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसके विरोध में ग्रामीणों द्वारा मामले की जांच के लिए उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक को ज्ञापन भी सौंपा गया है. पूरा मामला बिलासपुर जिला के नौणी पंचायत के पंडगल का है, जहां डेढ़ साल पहले वन अधिकार समिति का गठन किया गया और इसके 10 सदस्य बनाए गए, लेकिन इनमें से 08 सदस्यों और समिति सचिव को उनकी सदस्यता व पद की जानकारी ही नहीं है. उन्हें बिना पूछे ही समिति का सदस्य बना दिया गया था.
वहीं ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों का आरोप है कि वन अधिकार समिति पंडगल के तहत किसी अन्य विकास कार्यों के नाम पर उनके हस्ताक्षर लिए गए थे जबकि कई ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर अंकित कर पंडगल में कचरा डंपिंग साईट के लिए भूमि चयनित कर एनओसी जारी कर दी गई है जो कि एक बड़ी धांधली है और नौणी, राजपुरा व कोठीपुरा सहित विभिन्न पंचायत के ग्रामीण इसका विरोध करते हैं.
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वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पहले फर्जी तरीके से वन अधिकार समिति पंडगल का गठन किया जाता है. इसके बाद झूठी बैठकें कर ग्रामीणों को गुमराह करके उनके हस्ताक्षर लिए जाते हैं और कुछ लोगों के फर्जी हस्ताक्षर कर कचरा डंपिंग साईट के लिए अनापत्ति पत्र जारी कर पंडगल की करीब 160 हेक्टेयर वन भूमि को प्रशासन के नाम कर दिया जाता है, जिसकी जानकारी ग्रामीणों को आरटीआई के तहत प्राप्त होती है.
ग्रामीणों ने उपायुक्त बिलासपुर से वन अधिकार समिति पंडगल के गठन से लेकर फर्जी हस्ताक्षर करने में कौन-कौन शामिल हैं इसकी जांच कर समिति को तुरंत भंग किए जाने, वन अधिकार समिति का पुनर्गठन किए जाने, कचरा डंपिंग साईट के लिए प्रशासन द्वारा दी गई एनओसी को निरस्त करने और पंडगल में कूड़ा संयंत्र ना लगाने की मांग की है.
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ग्रामीणों का कहना है कि पंडगल में कूड़ा संयंत्र लगाने से जहां वन भूमि को नुकसान होगा, वहीं एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित एम्स अस्पताल व प्राकृतिक जल स्रोतों के दूषित होने, वन्यजीवों के बेघर होने व स्थानीय ग्रामीणों के पशुओं के लिए घास की उपलब्धता ना होने जैसी समस्याओं का भविष्य में सामना करना पड़ सकता है. वहीं इस संदर्भ में उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने मामले की जांच करते हुए उचित कार्रवाई करने की बात कही है.
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