विपन कुमार/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में मानसून के चलते हर साल काफी नुकसान झेलने को मिलता है. जहां एक तरफ मानसून के आते ही प्रदेश में कई जगह आफत आने शुरू हो गए हैं,  तो कहीं ठंडी हवाओं का आनंद लेने के लिए पर्यटक हिमाचल पहुंच रहे हैं. ऐसे में आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन ने खुद को तैयार कर लिया है. उपायुक्त डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि मानसून सीजन में आपदाओं से निपटने के लिए जिला तथा उपमंडल स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम  24 घंटे खुले रहेने की बात की है, ताकि आपदा से त्वरित प्रभाव से निपटा जा सके.


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प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में इस वर्ष अब तक बरसात में बड़ा नुकसान सामने नहीं आया है, जबकि एक कच्चा और एक पक्का शेड सहित एक गौशाला को बरसात से नुकसान पहुंचा है. ऐसे में उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण उपमंडल स्तर पर उपलब्ध करवाए गए हैं. इसके साथ ही होमगार्ड तथा वालंटियर्स की टीमें भी गठित की गई हैं, जो कि आपदा के दौरान त्वरित प्रभाव से कार्य करेंगी. 


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बता हिमाचल सहित देश के अधिकतर राज्यों में बरसात का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में हिमाचल में कई बार ऊपरी पहाड़ियों पर बारिश हो जाती है और एका-एक पानी का जलस्तर बढने से अनहोनी घटनाएं सामने आ जाती हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने बरसात के मद्देनजर पर्यटकों व स्थानीय लोगों से अपील की है कि नेचुरल ब्यूटी को किनारे से निहारें और पहाड़ पर चढ़ने और उतरने का काम नहीं करें. 


इतना ही नहीं, जिला में भूस्खलन संभावित क्षेत्र चिन्हित करके संबंधित एसडीएम को भूस्खलन होने की स्थिति में व्यवस्थाएं कैसे जल्द से जल्द सुचारु की जाएं, इसके लिए तैयार रहने के भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. एसडीएम को उपमंडल स्तर पर सभी अधिकारियों से बैठ करने को कहा गया है.  इसके अतिरिक्त वलंटियर्स को भी सूचिबद्ध किया गया है, जिससे आपदा की स्थिति में उनकी भी सेवाएं ली जा सकें. 


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