मंजू शर्मा/सोलन: हिमाचल प्रदेश की उचित मूल्य की दुकानों पर उपभोक्ताओं को फोर्टिफाइड राइस दिया जा रहा है ताकि लोगों को आवश्यक तत्व मिल सकें. यह चावल गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों को निशुल्क दिया जा रहा है, जबकि सामान्य श्रेणी में आने वाले लोगों को 10 रुपये किलो दिया जा रहा है. हालांकि जानकारी के अभाव के कारण लोग इस चावल को प्लास्टिक का समझकर खाने से परहेज कर रहे हैं. 


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ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को किया जा रहा जागरूक  
इन आशंकाओं के बीच लोगों को जानकारी देना आवश्यक है, जिसके लिए प्रदेश के संबंधित विभाग के अधिकारी इन आशंकाओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग समय-समय पर केंद्र व राज्य सरकार के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में लोगों में जागरूकता की कमी के कारण लोगों में इस चावल को लेकर अभी भी आशंका बनी हुई है. 


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इस संदर्भ में जिला सोलन के धर्मपुर में खाद्य आपूर्ति विभाग हिमाचल प्रदेश के निदेशक आरके गौतम उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि फोर्टिफाइड राइस केंद्र सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसके तहत नागरिकों को अच्छा खाद्यान्न पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है ताकि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे.


आरके गौतम ने कहा कि इस चावल के बारे में केंद्र व राज्य सरकार समय-समय पर लोगों के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करती रहती है. ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का अभाव है इसके लिए जल्द ही विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करेगा, उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि किसी तरह की अफवाह में ना फंसे उचित मूल्य की दुकानों पर दिया जा रहा चावल का मूल्यांकन करने के बाद ही उसे लोगों को दिया जाता है. 


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स्थानीय निवासी बाला सूद ने बताया कि उन्हें पिछले दिनों मेरे चावल में कुछ अजीब सा पदार्थ दिखाई दिया, उन्होंने आशंका जाहिर की है कि जबल में कुछ पदार्थ मिला हो सकता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, उन्होंने कहा कि ये प्लास्टिक के चावल भी हो सकते हैं जो स्वास्थ्य के लिए खराब हानिकारिक हो सकते हैं. वहीं, दिलीप कुमार ने बताया कि उनके उचित मूल्य की दुकान से मिल रहे चावल में प्लास्टिक होने की आशंका है, इसके साथ ही कहा कि इससे उनके स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ सकता है. पिछले चार-पांच महीने से चावल में कुछ ना कुछ मिला कर दिया जा रहा है.


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