Medical Device Park: हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ है कि यह पार्क चर्चाओं में आ गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पार्क के बनने से उन्हें यहां से आवाजाही करने में परेशानी हो रही है.
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नंदलाल/नालागढ़: हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में 5,000 करोड़ की लागत से बनने वाला मेडिकल डिवाइस पार्क बनने से पहले ही सुर्खियों में आ चुका है. यह पार्क अभी से विवादों में घिरता हुआ नजर आ रहा है. बता दें, 4 गांवों के लोगों ने इकट्ठा होकर मेडिकल डिवाइस पार्क को जाने वाली सड़क पर चक्का जाम कर दिया है, क्योंकि मेडिकल डिवाइस पार्क से निकलने वाली खनन सामग्री से लदे ट्रकों के कारण सड़क पर धूल मिट्टी होने से ग्रामीणों में जहां बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है, वहीं अगर बारिश होती है तो स्कूली बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गों को यहां से आवाजाही करने में परेशानी होती है.
स्थानीय लोगों ने दी चेतावनी
सड़क पर भारी मात्रा में मलबा जमा होने के कारण लोग बाइक मोटरसाइकिल से तो दूर पैदल तक नहीं चल सकते, जिसके चलते ग्रामीणों में खासा रोष देखा जा रहा है. ग्रामीणों ने मेडिकल डिवाइस पार्क को जाने वाले मार्ग पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही मेडिकल डिवाइस पार्क से निकलने वाले ट्रकों को बंद नहीं करवाया जाता तो तो इसी तरह अपना धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
माफिया उठाने रहे फायदा
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मेडिकल डिवाइस पार्क से निकलने वाली खनन सामग्री को सरकारी नियमों को दरकिनार कर पंजाब नंबर के ट्रकों में लोड करके माफिया करोड़ों रुपये लूटने में लगे हुए हैं. इससे स्थानीय लोगों को नुकसान झेलना पड़ता है. पहले ही लोग धूल-मिट्टी से परेशान हैं और जब बारिश हो जाती है तो पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है, जिसके चलते कई गावों के लोगों में बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है.
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लोगों का कहना है कि सड़क से गुजरने में भी लोगों को काफी परेशानी होती है, क्योंकि एक दिन में 100 से अधिक ट्रक इस मार्ग से गुजरते हैं, जिसके कारण सड़क की भी हालत भी काफी खस्ता हो चुकी है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं, जिसके कारण लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानी होती है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक इन ट्रकों को बंद नहीं किया जाता और सड़क की हालात को सुधारा नहीं जाता तब तक वह अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे. इस दौरान अगर कोई भी घटना घटित होती है तो उसका जिम्मेवार स्थानीय प्रशासन और सरकार होगी.
बता दें, ग्रामीणों का आरोप है कि मेडिकल डिवाइस पार्क से एम फार्म के माध्यम से ट्रकों को लोड किया जाता है. इसके बाद जिस क्रशर मालिक के पास लीज है उस क्रेशर पर ट्रकों को खाली किया जाता है. कच्चे माल को क्रेशर पर पक्के माल के रूप में तैयार किया जाता है, जिसमें रेत बजरी अलग-अलग हो जाती है और उस रेत बजरी को क्रेशर मालिक दूसरी मिल के साथ बेच सकता है, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है जैसे ही मेडिकल डिवाइस पार्क से ट्रक लोड होता है तो उसे बिना किसी रोक-टोक के पंजाब में बेच दिया जाता है जो कि अपने आप में हिमाचल प्रदेश के खजाने पर भी मार पड़ रही है, क्योंकि करोड़ों रुपये का टैक्स चोरी अब तक खनन माफिया कर चुका है.
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ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी नियमों को दरकिनार कर प्रशासन के कुछ अधिकारियों से मिलीभगत करके यह अवैध तरीके से खनन सामग्री को पंजाब में बेचा जा रहा है. यह खनन माफिया पंजाब की बेशकीमती खनन सामग्री को लूटने में लगे हुए हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से इस माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है.
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