NIT हमीरपुर के छात्रों ने पेश की मिसाल, ऑक्सीजन सिलेंडर ढोने के लिए बनाई इलेक्ट्रिक ट्रॉली
एनआईटी (NIT) हमीरपुर के दो छात्रों ने बैटरी से चलने वाली ट्राली बनाई जिससे बड़े-बड़े गैस सिलेंडर को आसानी से यहां-वहां ले जाया सकता है.
अरविंदर सिंह/हमीरपुर: एनआईटी हमीरपुर (NIT Hamirpur) में पढ़ाई कर रहे दो सगे भाइयों ने ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए इलेक्ट्रिक ट्रॉली बनाकर मिसाल पेश की है. अक्सर अस्पतालों में देखा जाता है कि ऑक्सीजन सिलेंडर मरीजों तक पहुंचने में काफी दिक्कतें सामने आती है. ऐसे में इसी समस्या से लोगो को निजात दिलाने के लिए एनआईटी हमीरपुर सायंत्रिक विभाग में पढ़ाई कर रहे दो भाइयों ने इसके लिए एक ट्रॉली बनाई है. जिसके लिए उपायुक्त हमीरपुर देब्श्वेता बनिक ने एनआईटी संस्थान में इस इलेक्ट्रिक ट्रॉली के सिद्धांत और संचालन विधि का जायजा लिया और दोनों छात्रों को उपकरण बनाने पर बधाई दी.
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बता दें, मुख्यमंत्री स्टार्ट अप योजना के तहत भी दोंनों छात्रों के बनाए गए इस इलेक्ट्रिकल ट्राली को शामिल किया गया है ताकि इसका लाभ उन्हें मिल सके. छात्र रजत ने बताया कि कोरोना काल में ऑक्सीजन के सिलेंडरों को लाने और ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इस समस्या से निजात पाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एनआईटी को आईडिया दिया गया था कि ऐसी ट्राली विकसित की जाए जिससे ऑक्सीजन सिलेंडर को मरीजों तक लाने और ले जाने में सुविधा मिल सके. समस्या को हल करने के लिए दोनों भाइयों ने इलेक्ट्रिक ट्रॉली का निर्माण किया है. इस प्रोजेक्ट को अब इंडस्ट्री विभाग द्वारा सीएम स्टार्टअप योजना के अंतर्गत लिया जा चुका है.
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एनआईटी के छात्र रजत ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से आईओ 2 ट्रॉली को बनाना संभव हो पाया है. छात्र रजत की माने तो यह इलेक्ट्रिक ट्रॉली एक घंटे में सात किलोमीटर का सफर तय कर सकती है. जिसे एक स्कूटर की तरह एक्सीलेटर देकर चलाया जा सकता है. इस इलेक्ट्रिक ट्रॉली को पुरुषों सहित महिलाएं भी आसानी से चला सकती हैं.
प्रोफेसर ने बताया कि एनआईटी हमीरपुर के दो छात्रों ने बैटरी से चलने वाली ट्राली बनाई जिससे बड़े-बड़े गैस सिलेंडर को आसानी से यहां-वहां ले जाया सकता है. उन्होंने बताया कि कम समय में आईसीयू में भर्ती मरीजों को तुरंत ऑक्सीजन की सुविधा मिल सके. इसके चलते ही आईओ 2 बनाया है. वहीं, उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक ने बताया कि एनआईटी के 2 छात्रों ने ऑक्सीजन सिलेंडर धोने के लिए बैटरी से चलने वाली ट्रॉली बनाई है. जिसका उन्होंने ने जायजा लिया है.
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