चंबा के ऐतिहासिक मिंजर मेले की शुरुआत को लेकर तैयारियां हुई शुरू, 24 जुलाई को होगा आयोजन
चंबा में 2 साल कोरोना के बाद अब एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले का आयोजन किया जा रहा है. लोगों ने बताया कि उन्हें पूरे साल इंतजार रहता है कि कब यह मेला शुरू होगा और कब वह इस मेले का पूरा आनंद उठाएंगे.
शिव शर्मा/चंबा: हर साल की भांति इस साल भी चंबा का अंतराष्ट्रीय मिंजर मेला 24 जुलाई को बड़ी ही श्रद्धा और धूमधाम से चंबा के ऐतिहासिक चौगान में मनाया जायेगा. बताते चले कि मिंजर का यह मेला सावन महीने के पहले रविवार से शुरू होकर दूसरे रविवार तक चलता है, जिसमे चंबा के सुप्रसिद्ध गायन कुंजडी म्लाहर, जो स्थानीय लोक गायन कुंजडी म्लाहर गाने को गाकर ही इस मेले की शुरुआत करेंगे.
बता दें, इससे पहले प्राचीन रीति रिवाजों के साथ जिला प्रशासन, नगरपालिका,स्थानीय नेता और उनके साथ चंबा के वरिष्ठ लोग इस परंपरा को निभाते हुए रेशमी धागे से बनी मिंजर को भगवान लक्ष्मीनारायण, चरपटनाथ और चंबा के शाही महल में जाकर भगवान रघुनाथ को मिंजर अर्पित करने के उपरांत चंबा के ऐतिहासिक चौगान में मिंजर का ध्वज फहराते है, जिसके बाद ही मिंजर मेले का शुभारंभ होता है. ऐसे में इस मेले को देखने सैकड़ों की संख्या में स्थानीय चंबा के लोगों के अलावा बाहर से आए हुए लोग भी इस प्राचीन परंपरा का हिस्सा बनते हैं और इस मेले की शोभा को बढ़ाते है.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि 2 साल कोरोना के बाद अब एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले का आयोजन किया जा रहा है. लोगों ने बताया कि उन्हें पूरे साल इंतजार रहता है कि कब यह मेला शुरू होगा और कब वह इस मेले का पूरा आनंद उठाएंगे. उन्होंने बताया कि यहां पर जो व्यापारिक गतिविधियां होती हैं उसमें गरीब लोग भी जमकर खरीददारी करते हैं क्योंकि हर तरह का सामान इस मेले में खरीदने को मिलता है. उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोग तो पूरे साल पैसे इकट्ठे कर इस मिंजर मेले में जमकर खरीदारी करते हैं.
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वहीं, युवाओं ने कहा कि इस दौरान जो खेलकूद प्रतियोगिताएं होती हैं. उसमें वह भी भाग लेंगे और उसकी तैयारी वह जमकर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो रात को सांस्कृतिक संध्याए होंगी. उसमें भी बॉलीवुड से कलाकार आएंगे. साथ ही कहा कि हम सभी सांस्कृतिक संध्याओं के दौरान जमकर आनंद उठाएंगे.
बता दें, इस मिंजर मेले के दौरान बाहर के राज्यों से भी लोग चंबा पहुंचते हैं. इसलिए राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्रशासन पर भी इसका जिम्मा रहता है क्योंकि अगर बरसात में रास्ता बंद हो, तो लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है. इस बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि मिंजर मेले के दौरान वह पूरी कोशिश करेंगे कि रास्तों को बहाल ही रखें, क्योंकि जो बाहर से लोग आते हैं. उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत ना हो और लोग इस मेले का जमकर आनंद उठाएं.
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