Himachal Vidhansabha Election 2022: हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में उम्मीदवार की संपत्ति को लेकर हर किसी के मन में सवाल रहता है. संपत्ति एक ऐसा शब्द है जो आम लोगों की समझ से बाहर होती है. चल-अचल शब्द भी चुनाव के दौरान काफी ज्यादा सुनने को मिलता है, लेकिन इसे लेकर लोगों को काफी समस्या रहती है. ऐसे में आज के इस खबर में हम आपको आसान भाषा में बताएंगे कि क्या है चल और अचल संपत्ति में अंतर. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Diwali: 24 अक्टूबर को है दीपावली, अपने दोस्तों और फैमली को Whatsapp करें ये मैसेज


क्या है चल संपत्ति
चल संपत्ति ऐसी संपत्ति होती है जिसे एक जगह से दूसरे जगह पर आसानी से लेकर जाया जा सकता है. जैसे- आभूषण, लैपटॉप, पंखा, सोने और पीतल के बर्तन, वाहन आदि. 


क्या है अचल संपत्ति
ऐसी संपत्ति जिसे हम एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं लेकर जा सकते है. जैसे- घर, कारखाना, फैक्ट्री आदि. 


Himachal Chunav: झंडूता विधानसभा सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए BJP तैयार, क्या Congress-AAP हिला पाएगी कुर्सी?


जानें क्या है चल और अचल संपत्ति में अंतर 
चल संपत्ति जिसे हम कहीं भी लेकर आ-जा सकते हैं. इसे चलयमान संपत्ति भी कहते हैं. चल संपत्ति के लिए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं पड़ती है. वहीं, अचल संपत्ति के लिए आपको पंजीकरण करना होता है. अचल संपत्ति के लिए पंजीकरण अधिनियम 1908 के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. 


इसके अलावा चल संपत्ति को आप आसानी से किसी से भी बांट सकते हैं, लेकिन अचल संपत्ति का विभाजन आसानी से नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसके लिए आपको पूरे कानूनी तरीके से कागजी कार्रवाई करनी होगी. 


बता दें, कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किए गए चुनाव संचालन (संशोधन) नियम, 2019 में यह कहा गया है कि सभी उम्मीदवारों को अपनी संपत्ति, दायित्व, शैक्षणिक योग्यता तथा आपराधिक मामलों की जानकारी देनी पड़ती है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डब्ल्यूपी (सी) संख्या 536, 2011 के दिनांक 25.09.2018 के निर्णय के अनुपालन में उम्मीदवारों के साथ-साथ संबंधित राजनीतिक दल बताए गए प्रारूप में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कम से कम तीन बार उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में राज्य में व्यापक रूप से प्रसारित समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में घोषणा जारी करेंगे. 


उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है कि वे अपने खातों में इस संबंध में किए गए खर्च का हिसाब मेंटेन करेंगे और यह उनके चुनाव खर्च के सार विवरण (अनुसूची 10) में भी मेंशन होगा. जिसे उन्हें नतीजों की घोषणा के 30 दिनों के भीतर चुनाव खर्च के अपने खातों के साथ संबंधित डीईओ के सामने प्रस्तुत करना होगा.  राजनीतिक दलों को इस संबंध में उनके द्वारा किए गए चुनाव खर्च के विवरण (अनुसूची 23ए, 23बी) ईसीआई (मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल)/सीईओ (गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल) के समक्ष विधानसभा चुनाव के समापन के 75 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने की आवश्यकता है. 


Watch Live