मनीष ठाकुर/कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड द्वारा बीते दिनों जो कर्मचारी विरोधी निर्णय लिए गए, उसका पूरे प्रदेश में विरोध किया जाएगा और मांग रखी जाएगी कि कर्मचारी विरोधी इन सभी निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए. बीते दिनों हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में इंजीनियर सहित आउटसोर्स कर्मचारी की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया था, जिसके चलते ढालपुर में बिजली बोर्ड के कार्यालय में बोर्ड में कार्यरत कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा मिलकर विरोध प्रदर्शन किया गया.


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कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड प्रबंधन से मांग रखी है कि इस तरह के निर्णय को बिल्कुल ना लिया जाएं, जिससे कर्मचारियों का भविष्य खराब होता हो. इसके अलावा जिन इंजीनियर्स के पद और आउटसोर्स कर्मचारी की सेवाओं को समाप्त किया गया है, उसे भी तुरंत बहाल किया जाना चाहिए. बिजली बोर्ड से सेवानिवृत अधिकारी प्रवेश ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के साथ संघर्ष कर रहे हैं.


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उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, समाप्त किए गए इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को बहाल किया जाना चाहिए और हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकालने के आदेश को भी तुरंत वापस लेना चाहिए ताकि उन कर्मचारियों का भविष्य खराब न हो.


प्रवेश ठाकुर ने बताया कि इसके अलावा बिजली बोर्ड में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना, बिजली बोर्ड में टीमेट के 1030 पदों को जल्द भरना और वेतन आयोग का कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को पेंशन और वेतन का बकाया जारी करना जैसे कई मुद्दे अभी भी लंबित हैं. इसके अलावा भी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभ का भुगतान आदि प्रमुख मांगे हैं, जिसके बारे में कर्मचारी लगातार बिजली बोर्ड प्रबंधन और सरकार से मांग कर रहे हैं. ऐसे में कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द से जल्द उचित कदम उठाए. 


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