भूषण शर्मा/नूरपुर: कृषि व पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने कहा है कि प्रदेश सरकार आम जनमानस की समस्याओं के तुरंत निवारण के प्रति गंभीर है, जिसके लिए प्रदेश सरकार विशेष कदम उठा रही है. प्रोफेसर चंद्र कुमार आज शुक्रवार को ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के तहत कोटला पंचायत में लोगों की समस्याएं सुनने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे.


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इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार भारी बरसात से प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि बरसात के कारण कोटला बेल्ट की सोलधा,
न्यांगल, अनुही और बाड़ा पंचायतों में भी भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ है, जिस कारण बहुत लोग बेघर हो गए हैं. ऐसे प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने 4500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसके तहत कच्चे या पक्के मकान के पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर पुनः घर निर्माण के लिए सरकार द्वारा 7 लाख रुपये देने के अलावा सरकारी दरों पर सीमेंट व मुफ्त में पानी और बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे.


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आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए 1 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. इसके अलावा भूमिहीन हुए प्रभावितों को घर बनाने के लिए शहरी क्षेत्र में 2 बिस्वा और ग्रामीण क्षेत्र में 3 बिस्वा भूमि प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि पहली बार राहत मैन्युअल में बदलाव कर क्षतिग्रस्त मकान के अलावा फसलों के बर्बाद और कृषि योग्य भूमि में नुकसान होने पर प्रति बीघा मिलने वाली मुआवजा राशि को कई गुना बढ़ाया गया है ताकि प्रदेश के प्रभावित परिवारों का पुनरुत्थान सुनिश्चित ही सके.


चंद्र कुमार ने बताया कि ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में बरसात से प्रभावित जगहों पर डंगे, रास्ते और नालियां बनाने के लिए 7 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिसमें से लगभग 70 लाख रुपये कोटला बेल्ट के लिए स्वीकृत किए गए हैं. इसके अतिरिक्त ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि से सिल्ट और मलवा हटाने के लिए कृषि विभाग द्वारा 55 लोगों को लगभग 4 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई है.


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कृषि मंत्री ने घरों में भूस्खलन के मलवे को हटाने की स्थानीय लोगों की अपील पर बोलते हुए कहा कि घरों में आए मलवे को मनरेगा के माध्यम से हटाया जाएगा. साथ ही एनएचएआई की लेबर को भी जरूरत पड़ने पर इस काम में लगाया जाएगा. कृषि मंत्री ने विभागों के अधिकारियों को फील्ड में जाकर चल रहे विभागीय कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए. उन्होंने जल शक्ति विभाग को पेयजल परियोजनाओं को स्थायी तौर पर बहाल करने और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बरसात के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को युद्धस्तर पर दुरूस्त करने के निर्देश दिए.


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