राकेश मालही/ऊना: हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में प्रगतिशील बागवान किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती को अपना रहें हैं.  बता दें, ड्रैगन फ्रूट एक इग्जॉटिक फल है, जिसके बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं. वहीं, ऊना का मौसम ड्रैगन फू्रट की खेती के लिए अनुकूल है.  इसे बेसहारा और जंगली जानवर नहीं खाते हैं और पानी की जरूरत कम होती है. 


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बता दें, पिछले दो सालों में जिला प्रशासन ऊना ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को मनरेगा में प्रोत्साहित किया है, जिसमें बागवान को 1 लाख तक की सहायता दी जाती है. ड्रैगन फ्रूट की खेती के शुरू में ट्रेलिस सिस्टम बनाने के कारण खर्चा अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा आता है. इसके लिए बैंक ऋण अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाता था. ऐसे में ड्रैगन फू्रट की खेती को बैंक ऋण के दायरे में लाने के लिए जिला प्रशासन ने 7 मार्च को स्केल ओफ फाइनैन्स अधिसूचित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, जिसमें 1 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 6 लाख 32 हज़ार 80 रूपये के ऋण की प्रस्तावना की गई थी.  जिला प्रशासन के इस प्रस्ताव को राज्य स्तरीय तकनीकी कमेटी ने अनुमोदित कर दिया है. 


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उपायुक्त राघव शर्मा ने बताया कि अब ऊना जिला के किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 6 लाख 32 हज़ार 80 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से बैंक से लोन ले सकते हैं.  उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 3 लाख रूपये तक का लोन 4 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध है. वहीं, इससे अधिक का ऋण सामान्य ब्याज दर पर उपलब्ध होगा.  उन्होंने कहा कि जिला ऊना के इच्छुक किसान/बागवान ड्रैगन फू्रट की खेती के लिए बैंक से ऋण की सुविधा ले सकते हैं, जो पहले उपलब्ध नहीं थी. 


साथ ही बताया कि जिला ऊना में बेहड़ बिट्ठल में विश्व बैंक पोषित ड्रैगन फू्रट प्रॉसेसिंग प्लांट का कार्य चला हुआ है, जिसके लिए ड्रैगन फ्रूट की जरूरत होगी.  बैंक लोन की सुविधा मिलने से जिले में ड्रैगन फू्रट की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा और बागवान इसकी खेती करके लाभान्वित होंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट खेती से जुड़े किसान की मानने तो ड्रैगन फ्रूट की खेती में उन्हें मुनाफा हो रहा है.