ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: सिरमौर और शिमला जिले की लगभग 100 पंचायतों को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पिछले 10 दिनों से बंद पड़ा है. कच्ची ढांग के पास सड़क का लगभग 60 मीटर हिस्सा टूटकर नदी में समा गया था. हालांकि पिछले 4 दिनों से यहां सड़क को रिस्टोर करने का काम चल रहा है, लेकिन अभी तक यह मार्ग खुल नहीं पाया है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग सतोन स्कूल मोड पर भी बंद है.


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बता दें, इस राष्ट्रीय राजमार्ग से सिरमौर और शिमला जिले की लगभग 100 पंचायतें जुड़ी हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने के तमाम प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिल पा रही है. ऐसे में अभी तक यहां से लोगों की आवाजाही बंद है. वहीं, किसानों को नकदी फसलें मंडियों तक पहुंचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.


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नदी की तरफ खिसका रोड़ का लगभग 60 मीटर हिस्सा
10 दिन पहले राष्ट्रीय राजमार्ग का कच्ची ढांग के पास लगभग 60 मीटर हिस्सा नदी की तरफ खिसक गया था, जिसकी वजह से यहां सड़क का नामो निशान मिट गया था. तेज बारिश होने की वजह से 6 दिन तक सड़क को ठीक करने का काम ही शुरू नहीं हो पाया था. पिछले चार-पांच दिनों से यहां चौड़ीकरण का काम कर रही कंपनी सड़क मार्ग को खोलने का लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. हालांकि सोमवार को यहां कुछ समय के लिए छोटी गाड़ियों के लिए मार्ग खोला गया था, लेकिन बीती रात बरसात होने की वजह से हाल ही में बनाई गई सड़क पर फिर से कीचड़ आ गया है.


इस रास्ते पर जमा है भारी मलबा
वहीं, जबकि अन्य स्थानों पर भी पेड़ गिरने और पत्थर आने की सूचना मिल रही है, जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों के लिए नहीं खुल पाया है. इसके अलावा सतोन स्कूल मोड़ पर भी भारी मलबा जमा है. यहां से भी कंपनी और विभाग अभी तक मलवा नहीं हटा पाई है. लिहाजा, राष्ट्रीय राजमार्ग कितने दिनों तक बंद रहेगा यह कह पाना फिलहाल मुश्किल है.


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राजनीतिज्ञों, जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग पर लगे गंभीर आरोप
दूसरी ओर एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स के प्रदेश अध्यक्ष नाथूराम चौहान ने राजनीतिज्ञों, जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. नाथूराम चौहान का कहना है कि यहां पिछले कई दशकों से यह समस्या बनी हुई है. कई बार मॉनसून में सड़क नदी में समा जाती है, लेकिन इस समस्या का अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है. राजनीतिज्ञ, जिला प्रशासन और विभाग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेता है, जिसका खामियाजा हर बार क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ता है. 


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