सोमी प्रकाश भुव्वेटा/चंबा: एक सप्ताह पहले बर्फ से ढ़का साच पास दर्रा वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है. पहली बार ऐसा हुआ है जब अक्टूबर महीने में साच पास दर्रे पर बर्फबारी होने की वजह से साच पास दर्रा पूरी तरह से ढ़क गया है. ऐसे में प्रशासन की ओर से यहां वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब जब कुछ दिनों से मौसम साफ होता दिख रहा है तो एक बार फिर साच पास दर्रे को काट कर बनाए गए रास्ते से बर्फ हटाकर इसे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है.


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बर्फ की वजह से फिसलन बढ़ने पर हादसों की संभावना
बता दें, साच पास दर्रा हमेशा बर्फ से ढका रहता है. गर्मियों के सीजन में बर्फ को काटकर ही इस दर्रे से वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क निकाली जाती है, क्योंकि इस दर्रे पर बर्फ की वजह से फिसलन बढ़ने पर वाहनों की आवाजाही के दौरान हादसे का खतरा रहता है, वहीं ऊपर से ग्लेशियर गिरने का भी डर रहता है.


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बर्फ पड़ने पर साच पास क्रॉस करने से हो सकता है बड़ा हादसा
बहरहाल ऐहतियातन जब भी ताजा बर्फबारी होती है तो साच पास दर्रे पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है. वहीं, उपायुक्त चंबा अपूर्व देवगन ने भी पुष्टि करते हुए बताया कि साच पास दर्रे को वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बर्फ पड़ने पर साच पास क्रॉस करना किसी बड़े खतरे से कम नहीं है, इसीलिए साच पास पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी.


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धीरे-धीरे बढ़ रही ठंड़
गौरतलब है कि उत्तर भारत के इलाकों में अक्टूबर खत्म होने और नवंबर की शुरुआत होने के साथ धीरे-धीरे सर्दी की अहसास होने लगा है. हालांकि फिलहाल सुबह और रात के वक्त ही हल्की ठंड़ महसूस होती है, लेकिन अब धीरे-धीरे सर्दी बढ़ने लगी है.   


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