समीक्षा कुमारी/शिमला: मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जिसके लक्षण Small Pox जैसे होते हैं. इसे पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पहचाना गया था, इसलिए इसका नाम 'मंकीपॉक्स' पड़ा. यह एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है, जो पश्चिम और मध्य अफ्रीका के देशों को प्रभावित नहीं करता है, बल्कि दुनिया के बाकी हिस्सों को भी प्रभावित करता है. हालांकि, इस बीमारी के प्रभाव का सही अनुमान नहीं है. 


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पिछले 21 दिनों के भीतर प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले किसी भी उम्र के व्यक्ति को अस्पष्टीकृत दाने (unexplained acute rash) और निम्नलिखित में से एक या अधिक लक्षण दिखाई देते है, जैसे सूजी हुई लिम्फ नोड़ बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और कमजोरी जैसे लक्षण तो यह संभवत: M Pox (मंकीपॉक्स) भी हो सकता है.


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स्वास्थ्य सचिव हिमाचल प्रदेश की अध्यक्षता में 22 अगस्त को एक बैठक की गई, जिसमें निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, निदेशक चिकित्सा शिक्षा, जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रधानाचार्य सरकारी मैडिकल कॉलेजों और चिकित्सा अधिक्षकों ने भाग लिया. इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव, हिमाचल प्रदेश ने वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और सभी अधिकारियों को M Pox (मंकीपॉक्स) बीमारी और इससे संबंधित लक्षणों की संवेदनशीलता के संबंध में अवगत करवाया और इसके अतिरिक्त फील्ड स्टाफ यानी चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों, सीएचओ और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से जिलों में बैठक आयोजित करने का भी निर्देश दिया.


स्वास्थ्य सचिव हिमाचल प्रदेश ने सभी जिलों को यह निर्देश भी दिए है कि जिला स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में बुखार, अस्पष्टीकृत दाने (unexplained acute rash) संबंधित सभी रोगसूचक मामलों की M Pox (मंकीपॉक्स) बीमारी के लिए जांच की जाए. सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों में कम से कम 5 से 6 आइसोलेशन बेड की सुविधा रखी गई है और निर्देश दिए हैं कि M Pox (मंकीपॉक्स) बीमारी से संबंधित प्रयाप्त मात्रा में logistics की तैयारी रखें. 


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स्वास्थ्य सचिव हिमाचल प्रदेश ने जनसाधारण से अपील की है कि इस बीमारी से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का पूर्ण रूप से ध्यान रखें, जैसे हाथ की स्वच्छता, जरूरत पड़ने पर मास्क का उपयोग इत्यादि. जनता से यह भी अपील की गई है कि शरीर में उपरोक्त लक्षण महसूस होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर संपर्क करें. भविष्य में इस बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा सभी प्रकार के आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.


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