Bilaspur News: देवभूमि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक अश्विन नवरात्र मेला आयोजित किया जाएगा.  वहीं मेले में श्रद्धालुओं के लिए किए जाने वाले आवश्यक प्रबंधों को लेकर मंदिर न्यास आयुक्त एवं अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर डॉक्टर निधि पटेल की अध्यक्षता में बचत भवन में बैठक का आयोजन किया गया. 


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इस दौरान एसडीएम स्वारघाट को मेला अधिकारी तथा एसएचओ कोट को सहायक पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है. वहीं बैठक के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर डॉक्टर निधि ने आश्विन नवरात्र मेले में शिक्षकों की ड्यूटी ना लगाए जाने के निर्देश जारी किए हैं. 


वहीं, इस बार मेले में शिक्षकों की जगह अन्य मिनिस्टर स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाएगी.  इसके साथ ही मेले में केवल वही लोग लंगर लगा सकेंगे. जिन्हें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा लाइसेंस दिया जाएगा. अतिरिक्त उपायुक्त ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को लंगर की व्यवस्था जांचने के सख्त निर्देश भी दिए हैं. 


अश्विन नवरात्र मेलों के दौरान नैनादेवी मंदिर में रोजाना 10 से 12 हजार श्रद्धालुओं की आने की उम्मीद है. जिसको देखते हुए मेला क्षेत्र को 6 सेक्टरों में विभाजित कर 6 सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े. 


इसके अलावा डॉक्टर निधि पटेल ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को बसों की उचित व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए तो साथ ही मेले के दौरान यातायात की उचित व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की दी गई है. वहीं डॉक्टर निधि पटेल ने उपमंडल अधिकारी को मेले के दौरान पार्किंग की उचित व्यवस्था के बनाने के निर्देश दिए ताकि पार्किंग को लेकर श्रद्धालुओं द्वारा किसी भी प्रकार की कोई शिकायत ना आए. 


साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए आयुर्वेदिक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को चिकित्सकों की तैनाती के निर्देश देते हुए स्वास्थ्य सहायता कक्ष 24 घंटे खुले रहने के निर्देश जारी किए हैं. मेले के दौरान स्वच्छ जल व सफाई व्यवस्था बनाये रखने के लिए जलशक्ति विभाग व नगर परिषद नैनादेवी के अधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि संपूर्ण मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बनी रहे. 


बैठक में मेले के दौरान आपदा प्रबंधन के लिए भी विशेष चर्चा की गई है. जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी विभागों के निर्देश दिए कि वह अपने-अपने क्षेत्र में सेफ्टी ऑडिट करवाकर सर्टिफिकेट मंदिर अधिकारी को जल्द ही उपलब्ध करवाए.