समीक्षा कुमारी/शिमला: बीते दिनों हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में लैंड रेवेन्यू एक्ट में संशोधन करते हुए सरकार ने रेवेन्यू से जुड़े मामलों में तेजी लाने के लिए समय सीमा निर्धारित करने का कानून बनाया और इसमें देरी होने पर विभागीय कार्यवाही का भी प्रावधान किया गया. इसे लेकर पटवारी कानूनगो कर्मचारी संगठनों में आपत्ति जताई गई और कम कर्मचारी व अधिक कार्यभार का हवाला दिया गया. इसे लेकर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने भूमि और राजस्व विभाग से जुड़े कर्मचारियों को आश्वासन दिया है.


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पटवारी से कानूनगो बनाने की प्रक्रिया में रियायत पर सो रही सरकार- सतीश चौधरी
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि लैंड रिवेन्यू एक्ट से जुड़े संशोधन को लेकर सरकार कर्मचारियों की ओर से की गई मांगों को लेकर विचार करेगी उन्होंने कहा कि सरकार का किसी भी तरीके से अधिकारी कर्मचारियों को बेवजह परेशान करने का इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि यह मामला लंबित पड़े रहने के चलते यह फैसला लिया गया. जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार जल्द ही राजस्व विभाग में भर्ती प्रक्रिया को भी शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि पटवारी से कानूनगो बनाने की प्रक्रिया में रियायत देने के बारे में सरकार सो रही है.


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रेवेन्यू का भार छोड़ने की कही बात
वहीं पटवारी कानूनगो कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी का कहना है कि विधानसभा के दौरान कानून लाया गया, जिसमें तय समय सीमा के प्रावधान को लेकर कर्मचारियों ने आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा कि उनके पास कर्मचारियों की कमी है. ऐसे में सरकार समय सीमा कैसे तय करेगी. इसी आशंका को लेकर अधिकारी कर्मचारियों ने सरकार से बात की और रेवेन्यू का भार छोड़ने तक की भी बात कही, जिसके बाद अब उन्हें राजस्व मंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया है और विभाग के मंत्री के साथ बैठक भी होनी तय है, जिसमें इन मसलों के समाधान पर विचार विमर्श किया जाएगा.


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