विजय भारद्वाज/बिलासपुर: जल ही जीवन है और पानी की अहमियत बताने व उसे बचाने का संदेश देने के मकसद से बिलासपुर जिला के घुमारवीं में एक दिवसीय सीर उत्सव का आयोजन किया गया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पावन जयंती के अवसर पर नगर परिषद के प्रांगण में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई, जिसमें हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी विशेष रूप से उपस्थित रहे. 


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सीर उत्सव की शुरुआत करते हुए नगर परिषद कार्यालय से लेकर सिर खड्ड तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सीर मिलन कार्यक्रम के तहत बिलासपुर जिला के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों मारकंड, रुक्मणी कुंड, बछरेटू के जल को कलशों में भरकर शोभायात्रा में शामिल किया गया. इसके साथ ही महिला मंडलों की महिलाओं द्वारा भी अपने घरों से प्राकृतिक जल स्रोतों का जल भरकर कलश में इकट्ठा करके इस यात्रा में लाया गया. 


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सीर उत्सव की शुरुआत करते हुए मंत्री राजेश धर्माणी ने प्राचीन शालीग्राम नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना कर कन्या पूजन किया, जिसके बाद जीवनदायनी कही जाने वाली सीर गंगा का विधिवत पूजन किया व कलश के जल को वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ सीर गंगा में समाहित किया गया, वहीं एक दिवसीय सीर उत्सव कार्यक्रम के दौरान मैराथन दौड़, योगा, निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, रक्तदान शिविर, विकलांगता प्रमाण पत्र शिविर सहित खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है. 


इस दौरान प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि इस उत्सव को मनाने का मकसद लोगों को पर्यावरण बचाने और जल सहेजने के साथ-साथ वनों की रक्षा करने के प्रति प्रेरित करना है, क्योंकि जल, जीवन और जंगल एक-दूसरे के ही पर्यायवाची हैं. सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए अगर धरा पर जल और जंगल रहेंगे तभी जीवन बच सकेगा. 


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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर 'सीर उत्सव' मनाने का मुख्य उद्देश्य उनके बताए रास्ते पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित करना है ताकि युवा पीढ़ी नशे से दूर रहते हुए सत्य व अंहिसा के मार्ग से प्रशस्त हो सके और हमारा देश व प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सके. बता दें, सीर उत्सव कार्यक्रम की सांस्कृतिक संध्या के दौरान हिमाचल प्रदेश के विभिन्न लोक कलाकारों द्वारा अपने गीतों से बेहतरीन समा बांधा जाएगा.


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