What is Coal Gasification Policy? जहां पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के बीच कोले की कमी (Shortage of coal in Punjab) को लेकर चर्चा होती रहती है, वहीं केंद्र सरकार Coal Gasification Policy को भारत लाने की योजना बना रही है. बता दें कि Coal Gasification Policy कोयले से गैस बनाने की प्रक्रिया है जिसके तहत सरकार द्वारा 2030 तक 100 मिट्रिक टन कोल गैस उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सरकार द्वारा 6000 करोड़ के VGF के लिए जल्द टेंडर निकाले जाएंगे. ऐसे में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी (Coal Minister Prahlad Joshi interview) का कहना है कि यह भारत के लिए बहुत अहम है. 


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उनका कहना है कि Coal Gasification Policy के हिसाब से इस प्रक्रिया में कम कार्बन का उत्सर्जन होगा और गैस आपूर्ति में मदद मिलेगी. जी मीडिया से खास बातचीत के दौरान प्रह्लाद जोशी (Coal Minister Prahlad Joshi interview) ने बताया कि इस पॉलिसी को लागू करने के लिए 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.


Coal Gasification Policy: VGF टेंडर कई कपनियां लेंगी भाग 


फिलहाल दुनिया भर में कोल गेसिफ़िकेशन को लेकर कोई सटीक टेक्नोलॉजी नहीं है पर देश में Thermax कंपनी द्वारा कोल गेसिफ़िकेशन टेक्नोलॉजी पर काम किया गया है और यही कंपनी भारत के लिए एक उम्मीद की किरण मानी जा रही है. 


Coal Gasification Policy news: क्या कोल गैसिफिकेशन से होगी कोयले की कमी? 


अगर पंजाब की बात की जाए तो राज्य के लिए बस एक ही चिंता का विषय रहा है और वो है कोले की कमी (Shortage of coal in Punjab). ऐसे में अगर 100 मिट्रिक टन कोल का गैस उत्पादन किया जाएगा तो कहीं कोले की कमी और न बढ़ जाए. इस पर कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोल गैसिफिकेशन की प्रक्रिया में कोयले की कमी ना हो, इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ कोल द्वारा कोल इंडिया लिमिटेड और  SCCL को निर्देश दिए गए हैं और गैसिफिकेशन में इस्तेमाल किए जाने वाले कोल के लिए अलग से बोली शुरू करने की व्यवस्था बनाई जा रही है. 


कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा कोल गैसिफिकेशन प्लांट बनाने के लिए BHEL, IOCL, GAIL जैसी कंपनियों के साथ  MoU करार किए जा चुके हैं.