विपन कुमार/धर्मशाला: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा अपने एक माह के दौरे पर लद्दाख के लिए रवाना होंगे. दलाई लामा पहले 2 दिन दिल्ली में रुकेंगे और फिर लद्दाख के लिए रवाना हो जाएंगे. दलाई लामा दो दिन दिल्ली में रहेंगे और फिर 10 जुलाई को लद्दाख के लिए रवाना होंगे, जहां वे एक महीने से ज्यादा समय तक रुकेंगे.


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चीन से बातचीत पर क्या बोले तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा
बता दें, दिल्ली जाने से पहले दलाई लामा पहले कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए एक सवाल 'क्या वह चीन से उनके साथ बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह करना चाहते हैं' का जवाब देते हुए कहा कि 'मैं हमेशा बातचीत के लिए तैयार हूं. अब चीन को भी एहसास हो गया है कि तिब्बती लोगों की भावना बहुत मजबूत हैं, इसलिए तिब्बती समस्या से निपटने के लिए वे मुझसे संपर्क करना चाहते हैं. 


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'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' का बने रहेंगे हिस्सा
दलाई लामा ने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं. हम आजादी नहीं मांग रहे हैं. हमने कई वर्षों से निर्णय लिया है कि हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा बने रहेंगे, तो अब हम चीन को भी आधिकारिक तौर पर बदलते देखेंगे या आधिकारिक तौर पर आप मेरे साथ संपर्क देखेंगे.


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कौन होते हैं लामा? 
बता दें, तिब्बत के धर्म गुरु या बौध साधुओं को 'लामा' कहा जाता है. तिब्बती भाषा में 'लामा' को ब्ला-मा कहा जाता है, जिसका मतलब श्रेष्ठतम या महान व्यक्ति होता है जो बाकी धर्मों के गुरुओं की तरह ही लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. वैसे तो यह नाम केवल एक ही व्यक्ति को दिया जा सकता है, लेकिन तिब्बती लामा साधना में कई उपलब्धियां हासिल कर चुके बौद्ध भिक्षुओं को भी 'लामा' का नाम दिया गया है, लेकिन इन सभी में सर्वोच्च स्थान दलाई लामा का ही होता है.


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