भूषण शर्मा/नूरपुर: पौंग झील के बीच स्थित पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान निर्मित बाथू दी लड़ी में पर्यटकों द्वारा चढ़ाए जा रहे चढ़ावे के लिए कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें एसडीएम जवाली को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि वन्य प्राणी विभाग के रेंज अधिकारी को सचिव बनाया गया है जबकि इसके अलावा भी विभागों के कर्मियों को भी कमेटी में शामिल किया गया है. बाथू दी लड़ी मंदिर का चढ़ावा प्रशासन द्वारा खुलवाए गए खाते में जमा करवाया जा रहा है जबकि बाथू दी लड़ी में चलाई जा रही मोटरवोट में घूमने की एवज में एकत्रित राशि को वन्य प्राणी विभाग के खाते में जमा करवाया जा रहा है.


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प्रशासन के बैंक खाते में एक लाख से ज्यादा रुपये की राशि हो चुकी जमा 
बीडीसी सदस्य सुरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रशासन द्वारा बाथू दी लड़ी मंदिर में पुजारी बैठाया गया है जो दिनभर के चढ़ावे को एकत्रित करके प्रशासन के पास जमा करवा देता है. प्रशासन के पास अभी तक करीब एक लाख से ज्यादा रुपये की राशि बैंक खाते में जमा हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग तानाशाही रवैये से बाथू की लड़ी के मंदिर के पैसे चुराने की कोशिश कर रहे हैं और कर्मचारियों को डरा धमका रहे हैं. उनके खिलाफ शीघ्र ही शिकायत दर्ज करवाई जाएगी.


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टूरिज्म हब बना बाथू दी लड़ी मंदिर
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रशासन और वन्य प्राणी विभाग की इस पहल की काफी प्रशंसा हो रही है. बाथू दी लड़ी मंदिर पर्यटकों के लिए टूरिज्म हब बन गया है, जब भी यह पानी से बाहर आता है तो इसे देखने हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों से पर्यटक आते हैं.


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