हिमाचल प्रदेश में तेजी से फैल रहा लंपी वायरस, किसान सभा ने बिगड़ती स्थिति पर जताई चिंता
लंपी वायरस पशुओं में तेजी से फैल रहा है, जिनमें से दुधारू यानी दूध देने वाले पशुओं की संख्या ज्यादा है. इस बीमारी को `गांठदार त्वचा रोग वायरस` LSDV कहा जाता है. इसकी तीन प्रजातियां पहली कैप्रिपॉक्स, दूसरी गोटपॉक्स (Goatpox) और तीसरी शीपपॉक्स (SheepPox) हैं.
देवेंद्र वर्मा/नाहन: हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश में लंपी वायरस (lumpy virus) की बिगड़ती स्तिथि पर चिंता जताई है. किसान सभा (Himachal Kisan Sabha)का कहना है कि प्रदेश में हजारों की संख्या में पशु संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन सरकार के पास स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक प्रबंध नहीं हैं.
हिमाचल में संक्रमित पशुओं की संख्या 26,901
सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में मीडिया से बात करते हुए हिमाचल किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह तवर ने बताया कि हजारों की संख्या में पशु लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) के पास इससे बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में न तो कोई स्टाफ है और न ही दवाइयां उपलब्ध हैं. ऐसे में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी तक पूरे हिमाचल प्रदेश में करीब 26 हजार 901 पशु संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं साथ ही 624 पशुओं की संक्रमण से मौत भी हो चुकी है. ऐसे में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
115 पशुओं की हुई मौत
किसान सभा का कहना है कि इस संक्रमण से सबसे ज्यादा अच्छी नस्ल की गाय प्रभावित हो रही हैं जो पशु पालकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती जिले सबसे ज्यादा संक्रमण की चपेट में हैं. अकेले सीमावर्ती सिरमौर जिला में अभी तक इस संक्रमण से जहां 115 पशुओं की मौत हो चुकी है वहीं करीब 2 हजार पशु अभी भी संक्रमण की चपेट में हैं.
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ऐसे फैलता है लंपी वायरस
बता दें, लंपी वायरस पशुओं में तेजी से फैल रहा है, जिनमें से दुधारू यानी दूध देने वाले पशुओं की संख्या ज्यादा है. इस बीमारी को 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' LSDV कहा जाता है. इसकी तीन प्रजातियां पहली कैप्रिपॉक्स, दूसरी गोटपॉक्स (Goatpox) और तीसरी शीपपॉक्स (SheepPox) हैं.
ये हैं लंपी वायरस के लक्षण
लंपी वायरस के लक्षणों की बात की जाए तो पशुओं को लगातार तेज बुखार आता है. उनकी आंख और नाक बहने लगती है. इसके अलावा शरीर पर चकत्ते होना, स्किन पर चेचक होना, लार निकलना, दूध का कम होना और वजन कम होना इस वायरस के लक्षणों में शमिल हैं.
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