जब Sharda Sinha ने सलमान के लिए गाया था 76 रुपये में गाना; कुछ ऐसी थी बिहार की स्वर कोकिला की शख्सियत
Sharda Sinha Death News: बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के AIIMS में आखिरी सांस ली. छठ के पर्व के पहले दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.
Sharda Sinha News: महापर्व छठ के गानों के लिए याद की जाने वाली लोक गायिका शारदा सिन्हा नहीं रहीं. उन्होंने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. छठ के मशहूर गीतों की जन्नी शारदा सिन्हा के गीतों के बिना महापर्व छठ अधूरा है. वहीं छठ पर्व के पहले दिन नहाए-खाए को उन्होंने हम सबको अलविदा कह दिया. उन्होंने पहिले पहिल छठी मईया, केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके आदि जैसे फेमस छठ के गीत गाए है. साथ ही उन्होंने बॉलीवुड में भी काफी नाम कमाया है.
कैसे और कहा हुआ शारदा सिन्हा का निधन?
देश-दुनिया में मशहूर गायिका शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में आखिरी सांस ली. मंगलवार यानी 5 नवंबर को 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. बीते 11 दिनों से एम्स में उनका इलाज चल रहा था. दिल्ली एम्स के अनुसार, रात 9 बजकर 20 मिनट में उन्होंने आखिरी सांस ली. दो दिनों से उनकी कंडिशन सीरियस बताई जा रही थी, जिसको लेकर देश भर में दुआओं का दौर भी जारी था. एम्स की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार सेप्टिसीमिया की वजह से शारदा सिन्हा को रिफ्रैक्टरी शॉक लगा, जिससे उनका निधन हुआ.
कैसी थी शारदा सिन्हा की शुरुआती जिंदगी?
1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में शारदा सिन्हा का जन्म हुआ था. उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक था, इसलिए उनके पिता सुखदेव ठाकुर ने घर पर ही शिक्षक को रख कर उन्हें संगीत की शिक्षा दी. बेगुसराय के दियारा क्षेत्र सिहमा के ब्रजकिशोर सिन्हा से उनकी शादी हुई थी, जिनसे उनके दो बच्चे हैं. हालांकि ससुराल के शुरुआती समय में उन्हें संगीत की तालीम लेने पर विरोध का सामना करना पड़ा था. हालांकि शारदा सिन्हा के पति के उस वक्त उनका सहारा बने.
शारदा सिन्हा ने ऐसे की करियर की शुरुआत
शारदा सिन्हा ने अपना पहला ऑडिशन लखनऊ के बर्लिंगटन होटल में बने एचएमवी स्टूडियो में दिया था. यहां वे "द्वार के छेकाई ए भइया" गाकर छा गई थीं. हालांकि शारदा सिन्हा को छठ के गीतों से पहचान मिली. उन्होंने छठ के गीतों को तब ऊंचाई तक पहुंचाया जब छठ के गीतों की प्रचलन नहीं थी. 1978 में पहली बार उन्होंने 'उगो हो सूरज देव भइल अरघ केर बेर' रिकॉर्ड किया, जिसे लोगों को खूब पसंद किया. इसके बाद छठ के गीतों का उनका सफर शुरू हो गया.
पद्म श्री और पद्म भूषण
महापर्व छठ के दौरान शारदा सिन्हा की आवाज दुनिया भर के घाटों पर सुनाई देती है. उन्होंने "पहिले पहिल छठी मईया", "केलवा के पात पर उगेलन सुरुल मल", "हे छठी मइया", "सुनअ छठी माई", जैसे कई मशहूर छठ के गीत दिए हैं. अपने पूरे करिया में उन्होंने कुल 9 एल्बम में 62 छठ के गीत गाए हैं. उनके छठ के गानों के बगेर छठ पर्व अधुरा लगता है.
सलमान के लिए 76 रुपये में गाया था गाना
इसके साथ-साथ उन्होंने बॉलीवुड में भी खूब नाम कमाया है. सुपरस्टार सलमान खान और भाग्यश्री की फिल्म "मैंने प्यार किया" का मशहूर हुआ गाना "कहे तोसे सजना" उन्होंने गाया है. उन्होंने इस गाने के लिए महज 76 रुपए फीस ली थी. साथ ही "हम आपके हैं कोन" फिल्म का गाना "बाबुल जो तुमने सिखाया" और "गैंग्स ऑफ वासेपुर" का "तार बिजली से पतले" भी शारदा सिन्हा की ही देन है. अपने काम के लिए उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे पुरस्कारों से भी नवाजा गया है.