Maharaja T20 Trophy: भारत में इस वक्त कई घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट खेली जा रही हैं. घरेलू टूर्नामेंट में मौजूदा वक्त में सबसे लंबे प्रारूप में बुची बाबू टूर्नामेंट हो रहा है तो वहीं कुछ राज्यों में टी20 लीग खेली जा रही हैं, जिसमें महाराजा टी20 ट्रॉफी भी शामिल है. इस लीग को कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया जाता है. इसी लीग में आज एक हैरतअंगेज मुकाबला देखने को मिला. इस मुकाबले में 1, 2 नहीं बल्कि कुल 3 सुपर ओवर खेले गए, तब जाकर मुकाबले का रिजल्ट निकला. ये मैच मयंक अग्रवाल की अगुआई वाली बेंगलुरु ब्लास्टर्स और मनीष पांडेय की कप्तानी वाली हुबली टाइगर्स के बीच खेला गया.


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तीसरे सुपर ओवर में निकला नतीजा
इस अनोखे मुकाबले में मनीष पांडेय ( Manish Pandey ) की टीम हुबली टाइगर्स ( Hubli Tigers ) ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में ऑलआउट होकर 164 रन बनाए. इसके जवाब में खेलने ऊतरी बेंगलुरु ब्लास्टर्स  भी 20 ओवर में 164 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. ऐसे में नतीजा निकालने के लिए क्रिकेट नियम के मुताबिक दोनों टीमों के बीच सुपर ओवर खेला गया, लेकिन यह भी टाई हो गया. पहले सुपर ओवर में बेंगलुरु ब्लास्टर्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 10 रन बनाए. जीत के लिए 11 रन बनाने के लिए ऊतरी हुबली टाइगर्स की टीम भी 10 रन ही बना सकी. 


इसके बाद दूसरे सुपर ओवर में हुबली टाइगर्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 रन बनाए. इसके जवाब में बेंगलुरु ब्लास्टर्स  भी 8 रन ही बना सकी. ऐसे में ये मुकाबला तीसरे सुपर ओवर में पहुंच गया. लेकिन तीसरे सुपर ओवर में आखिरकार नतीजा निकल गया.


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बेंगलुरु ब्लास्टर्स (Bangluru Blasters ) ने पहले बल्लेबाजी की और 1 विकेट के नुकसान पर 12 रन बनाए. इस तरह से हुबली टाइगर्स को जीत के लिए तीसरे सुपर ओवर में 13 रनों का लक्ष्य मिला.  हुबली टाइगर्स ने इस लक्ष्य का पीछ कर बेंगलुरु ब्लास्टर्स को हराकर मुकाबला अपने नाम कर लिया.


कब शुरू हुआ था सुपर ओवर का नियम?
बता दें, टी20 फॉर्मेट में सुपर ओवर की शुरुआत साल 2008 में हुई थी. सुपर ओवर इस्तेमाल तब होता है जब मैच का नतीजा नहीं निकलता है यानी दोनों टीमों का स्कोर बराबर हो जाता है. ऐसे में  दोनों टीमों के बीच 1-1 ओवर का मैच खेला जाता है. अगर सुपर ओवर भी टाई हो जाता है तो एक बार और सुपर ओवर खेला जाता है और अंतिम परिणाम तक ऐसे ही होता है. इस दौरान किसी भी खिलाड़ी के द्वारा बनाए गए रन और विकेट के रिकॉर्ड दर्ज नहीं किए जाते हैं.