Monkeypox Cases: पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स के मामले सामने आ रहे हैं. भारत के केरल भी तीन लोगों में इस मंकीपॉक्स नामक बीमारी की पुष्टी हो चुकी है. इस सब के बीच लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि क्या मंकीपॉक्स समलैंगिक लोगों में फैल रहा है? इस दावे को लेकर सोशल मीडिया पर कई खबरें वायरल हो रही हैं. इन खबरों में दावा किया जा रहा है कि मंकीपॉक्स समलैंगिक लोगों में ही फैलता है. क्या सही में ऐसा हो रहा है और इस बात में कितनी सच्चाई है? चलिए जानते हैं.


क्या समलैंगिक लोगों में फैल रहा है मंकीपॉक्स?


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WHO की तरफ से 25 मई 2022 को जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक कई ऐसे देशों में मंकीपॉक्स से मामले सामने आए हैं जहां इसका वायरस नहीं मिलता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से कुछ मंकीपॉक्स के मामले होमोसेक्शुअल और बाइसेक्शुअल पुरुषों में देखे गए हैं. वहीं कुछ मामले ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के लोगों में देखने को मिले हैं.


हालांकि इस बात से यह साफ नहीं होता है कि मंकीपॉक्स सिर्फ होमोसेक्शुअल और बाइसेक्शुअल लोगों को होता है. यह बीमारी हर उस इंसान को हो सकती है जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो. ऐसे में एक्सपर्ट्स एहतियात बरतने की सलाह देते हैं. डब्लूएचओ ने इस बीमारी को लेकर गाइडलाइंस भी जारी की हैं. जिसके मुताबिक संक्रमित व्यक्ति को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और लगातार एक्सपर्ट्स की राय लेना बेहद आवश्यक है.


मंकीपॉक्स के लक्षण


आपको बता दें कई यूरोपियन देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, नाइजीरिया, अमेरिका और भारत के साथ-साथ कई देशों में यह बीमारी अपने पैर पसार चुकी है. आपको बता दें इस बीमारी में इंसान के पूरे शरीर पर पानी वाले दाने होने लगते हैं. इस दौरान तेज बुखार भी रहता है. जिन लोगों को मंकीपॉक्स होता है उन्हें सर दर्द, शरीर में थकान और मासपेशियों का दर्द रहता है.