Shahbaz Sharif: पाकिस्तान की एक अदालत ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने करोड़ों डॉलर के मनी लॉन्ड्रिंग केस में पीएम शहबाज शरीफ को परिवार समेत बरी कर दिया है. कोर्ट ने बताया, क्योंकि भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत देने में नाकाम रही. इसलिए कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. अदालत के एक अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, एक जवाबदेही अदालत ने 2020 में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की तरफ से दायर 7 अरब पाकिस्तानी रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग  मामले में पीएम शहबाज शरीफ, उनकी पत्नी नुसरत, उनके बेटे हमजा और बेटी जावरिया को बरी कर दिया गया है.


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मनी लॉन्ड्रिंग केस में शहबाज शरीफ बरी 
अधिकारी ने बताया कि कोर्ट ने पीएम और उनके परिवार के लोगों को बरी कर दिया, क्योंकि एनएबी विदेशों, खासकर ब्रिटेन, में लाखों डॉलर की हेराफेरी के सिलसिले में संदिग्धों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत देने में असफल रही. अधिकारी ने आगे कहा कि हालांकि, कोर्ट ने प्रधानमंत्री की एक और बेटी, राबिया इमरान को भगोड़ा करार दे दिया और उनसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. इस मामले में नाम सामने आने के बाद से राबिया ब्रिटेन चली गई थीं. एनएबी ने 2020 में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार के कार्यकाल के दौरान बदउन्वानी का मामला दर्ज किया था.



पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने की निंदा
पीटीआई के इस कदम को शरीफ परिवार ने राजनीतिक उत्पीड़न करार दिया था. संघीय जांच एजेंसी की एक स्पेशल अदालत ने बीते साल अक्टूबर में शहबाज को 16 अरब पाकिस्तानी रुपये के एक और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी बरी कर दिया था. उसी मामले में 10 जुलाई को उनके बेटे सुलेमान शाहबाज़ को भी बरी कर दिया गया था. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के सीनियर लीडर वकील अहसन ने इल्जाम लगाया कि पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल क़मर जावेद बाजवा और सैन्य प्रतिष्ठान ने शरीफ परिवार को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में सजा से बचाया है. अहसान ने कहा, ''बाजवा ने शरीफ परिवार को मामलों में सजा से बचाकर एक बड़ा जुर्म किया है.


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