Punjab Maulana on UCC: पंजाब के मुस्लिम मौलाना ने मुसलमानों से अपील की है कि जब समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा तब अगर आपको जो गलत लगेगा उस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना.
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Punjab Maulana on UCC: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक मौलाना मुसलमानों से अपील कर रहे हैं कि समान नागरिक संहिता (UCC) से जुड़े हुए किसी भी प्रोग्राम और विरोध प्रदर्शन में हिस्सा न लें. दावा किया जा रहा है कि यह मौलाना पंजाब के शाही इमाम हैं. उन्होंने अपनी स्पीच में मुस्लिम रहनुमाओं को टार्गेट किया है. हम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करते हैं.
मौलाना को वीडियो में ये कहते हुए सुना जा सकता है कि मीडिया में इन दिनों कॉमन सिविल कोड को लेकर मुसलमानों को डराया जा रहा है. कई मौलाना भी लोगों को डरा रहे हैं कि आपके साथ बुरा होने वाला है. मौलाना ने कहा कि हम उन लोगों की बात नहीं कर रहे हैं जो कॉमन सिविल कोड ला रहे हैं बल्कि हम उनकी बात कर रहे हैं जो मुसलमानों को बेवकूफ बनाते हैं.
मौलाना का कहना है कि कॉमल सिविल कोड अभी आया नहीं है. पार्लियामेंट में अभी इसका ड्रॉफ्ट तैयार नहीं किया गया है, तो इसका विरोध क्यों किया जा रहा है. मौलाना ने कहा कि जो लोग मुसलमानों को पोलराइज करने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे लीडरों के पीछे चलने की जरूरत नहीं है.
मौलाना ने आगे बताया कि अभी विधि आयोग ने सिर्फ UCC पर सबकी राय जाननी चाही है लेकिन इस पर लोगों ने हो हल्ला शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सभी से राय मांगी गई है. इसमें सभी के लिए कानून बनेगा. यह देश के 140 करोड़ लोगों के लिए है. लेकिन भारत में मुसलमान सिर्फ 18 या 20 करोड़ हैं. ऐसे में यह कानून सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं बनेगा.
मौलाना का कहना है कि संमान नगरिक संहिता (UCC) एक कानून है जो सबके लिए होगा. लेकिन यह एक एडवाइज के तौर पर होगा. इसे जो मानना चाहे वह मान ले नहीं मानना चाहे तो वह इसके लिए बाध्य नहीं है.
ख्याल रहे कि पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में एक प्रोग्राम में समान नागरिक संहिता (UCC) के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था कि ‘‘हम देख रहे हैं समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा. फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? हमें याद रखना है कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है.’’