Zakir Hussain Death: मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का इंतकाल हो गया है. उन्होंने 73 साल की उम्र में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को अस्पताल में आखिरी सांस ली. जाकिर हुसैन पिछले कुछ दिनों से दिल से जुड़ी बीमारी से पीड़ित थे. आज यानी 12 दिसंबर को उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अपनी कला से लोगों का जीत लिया था दिल 
जाकिर हुसैन तबला वादक हैं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जाकिर को ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में हिस्सा लेने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था. इतना ही नहीं जाकिर बेहद प्रतिभाशाली हैं. तबला वादक होने के साथ-साथ उन्होंने कई फिल्में भी की हैं. जाकिर पेशे से एक्टर भी थें. उन्होंने अब तक 12 फिल्में की हैं. 


कई अवार्ड से किया जा चुका है सम्मानित
जाकिर हुसैन मशहूर दिवंगत तबला वादक अल्लाह खान के बेटे हैं.  जाकिर हुसैन ने 7 साल की उम्र में तबला सीखना शुरू किया और 12 साल की उम्र में उन्होंने देश भर में पढ़ाई करते हुए तबला सीखना शुरू कर दिया. जाकिर खान को देश-विदेश में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. साल 1988 में पद्मश्री, वर्ष 2002 में पद्म भूषण, वर्ष 2023 में पद्म विभूषण जैसे सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. जाकिर हुसैन को वर्ष 1990 में संगीत के सर्वोच्च सम्मान 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था.
 
जाकिर हुसैन की पहली कमाई
जाकिर की पहली कमाई 5 रुपए थी. जाकिर हुसैन को तबला बजाने का इतना शौक था कि अगर वो किसी भी बर्तन को छू लेते तो उससे धुन निकालने लगते. जाकिर जब 12 साल के थे तो वो अपने पिता के साथ एक संगीत कार्यक्रम में गए थे. वहां उनकी मुलाकात पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान, बिस्मिल्लाह खान, पंडित शांता प्रसाद और पंडित किशन महाराज से हुई. जब जाकिर अपने पिता के साथ मंच परपरफॉर्मेंस कर रहे थेतो उन्हें देखकर सभी हैरान रह गए. प्रदर्शन खत्म होने के बाद जाकिर को 5 रुपए मिले. एक इंटरव्यू में जाकिर ने कहा था कि मैंने अपनी जिंदगी में खूब पैसा कमाया, लेकिन वो 5 रुपए मेरे लिए सबसे कीमती थे.