UPS vs OPS: केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है, जो अप्रैल 2025 से लागू होगी. UPS के तहत 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को पेंशन सुविधा दी जाएगी.
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Govt Pension Scheme: UPS लागू होने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर कर्मचारी संघों की मांग फिर तेज हो गई है. इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर्स एसोसिएशन (IRTSA) ने सरकार से OPS को बहाल करने की अपील की है. कर्मचारी संघ ने नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में खामियों को बताते हुए इसे कर्मचारियों के लिए अपर्याप्त बताया है.
क्यों हो रही है बहस?
हाल ही में केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है, जो अप्रैल 2025 से लागू होगी. UPS के तहत 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को पेंशन सुविधा दी जाएगी. इसके बावजूद कई कर्मचारी संघ OPS की बहाली पर जोर दे रहे हैं. OPS में रिटायरमेंट के बाद अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था और इसमें कर्मचारियों से कोई योगदान नहीं लिया जाता था.
IRTSA ने सरकार को सौंपा ज्ञापन
IRTSA ने 18 नवंबर 2024 को सरकार को ज्ञापन सौंपकर OPS की बहाली की मांग की है. संघ ने UPS में आर्थिक सुरक्षा की कमी का हवाला देते हुए कहा कि OPS में पेंशन लाभ अधिक समानता और सुरक्षा प्रदान करते थे. संघ ने UPS के कई पहलुओं पर सवाल उठाए हैं और कहा कि यह कर्मचारियों के हित में नहीं है.
IRTSA ने UPS की खामियों को हाइलाइट करते हुए कहा है कि इस योजना में 25 साल की सेवा के बाद ही पेंशन का प्रावधान है, जबकि OPS में यह सीमा 20 साल थी. इसके अलावा UPS के तहत कर्मचारियों को अपने बेसिक वेतन और डीए का 10% योगदान करना होगा, जबकि OPS में ऐसा कोई योगदान नहीं था.
पेंशन एक जरूरी अधिकारः IRTSA
सरकार को सौंपे ज्ञापन में IRTSA ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों का हवाला दिया है. जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि पेंशन एक "मूल्यवान अधिकार" है और इसे मनमाने ढंग से खत्म नहीं किया जा सकता है.