General Election in Pakistan:पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने  8 फरवरी, 2024 को होने वाले आम चुनावों के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया. मतदान प्रक्रिया 19 दिसंबर को शुरू होगी, जब रिटर्निंग अफसर एक सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे. जल्द ही ईसीपी रिटर्निंग ऑफिसर्स और डिस्ट्रिक्ट रिटर्निंग ऑफिसर्स की ट्रेनिंग शुरू करेगा. ईसीपी ने बताया  कि यह चुनाव अधिसूचना के मुताबिक, उम्मीदवार 20 दिसंबर से 22 दिसंबर तक नामांकन दाखिल करा सकते हैं. और नामांकन भरने वाले उम्मीदवारों के नाम 23 दिसंबर को प्रकाशित किए जाएंगे. उनके दस्तावेजों की जांच 24 दिसंबर से 30 दिसंबर तक की जाएगी.

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12 जनवरी तक उम्मीदवार ले सकेंगे नाम वापस 


नामांकन पत्रों को खारिज या कबूल करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की अंतिम तारिख तीन जनवरी होगी. कार्यक्रम नेशनल असेंबली के साथ ही पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान की चार प्रांतीय विधानसभाओं में महिलाओं और गैर-मुसलमानों के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होता है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उलट जाते हुए कार्यकारी शाखा से आरओ और डीआरओ की नियुक्ति के लिए निर्वाचन आयोग की अधिसूचना को रदद कर दिया था. 


लाहौर हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट आखिर क्यों ने पलट दिया? 


पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ  द्वारा दायर एक याचिका पर जारी किया गया था. पीटीआई ने ही सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में वक़्त पर चुनाव कराने की मांग भी की थी. जिसको निर्वाचन आयोग ने लाहौर एचसी के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार की और समय पुर आम चुनाव कराने का आदेश देते हुए लाहौर हाई कोर्ट के फैसले को  भी पलट दिया.


आपको बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर नेशनल असेंबली को उसके 5 साल के कार्यकाल के पूरा होने से 3 दिन पहले भंग कर दिया था. पूर्व सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए निचले सदन को समय से पहले भंग कर दिया कि पाकिस्तान के संविधान के अनुरूप चुनाव 90 दिन बाद निर्धारित हों. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि ईसीपी ने 90 दिनों की समय सीमा का पालन करने में असमर्थता जताई.


8 फरवरी 2024 तक मदान


ईसीपी ने बताया कि काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स ने 2023 डिजिटल जनगणना के नतीजो को मंजूरी देने के बाद उसे निर्वाचन क्षेत्रों को नए सिरे से परिसीमन पर काम करना था. ईसीपी के फैसले के बाद, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और कई अन्य ने समय पर चुनाव कराने की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मतदान प्रक्रिया में बाधा पैदा करते हुए लाहौर उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए कार्यकारी शाखा से RO और DRO की नियुक्ति के लिए आयोग की अधिसूचना को निलंबित कर दिया है..


सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात होंगे 20 हजार कर्मी


वहीँ, मतदान के दौरान सुरक्षा ड्यूटी करने के लिए एक बजट पेश किया गया है, जिसमें ये कहा गया है कि तकरीबन कम से कम 100 मिलियन पीकेआर की आवश्यकता होगी. साथ ही, ड्यूटी पर तैनात सैन्य कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए 20,000 से ज़यादा कर्मियों की जरूरत होगी.