Saudi Israel Realtions: सऊदी अरब ने कहा कि उसने अमेरिकी प्रशासन से कहा है कि वह इजरायल के साथ तब तक राजनयिक संबंध नहीं रखेगा, जब तक इजरायल गाजा पट्टी में हमले बंद नहीं कर देता और एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश की स्थापना नहीं हो जाती. समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में व्हाइट हाउस की इस बात का खंडन किया कि इजरायल और सऊदी अरब ने संबंधों को सामान्य बनाने की बात कही है.


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सऊदी विदेश मंत्रालय ने फिलिस्तीनी मुद्दे के लिए उनके देश के अटूट समर्थन और फिलिस्तीनी लोगों को उनके वैध अधिकार प्राप्त करने की आवश्यकता बताई. इसमें कहा गया है कि इजरायल के साथ तब तक कोई राजनयिक संबंध नहीं होंगे जब तक कि 1967 की सीमाओं पर एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश की मान्यता नहीं दी जाती, और इजरायली सेनाएं गाजा से वापस नहीं चली जातीं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सऊदी अरब के दौरे के एक दिन बाद मंगलवार को एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता में, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी सरकार इजरायल और सऊदी अरब के संबंधों को सामान्‍य बनाने पर चर्चा कर रही है.


ख्याल रहे कि कतर, अमेरिका और मिश्र ये तीनों देश मिलकर इजरायल और हमास के दरमियान संघर्षविराम के लिए समझौता कराना चाहते थे. कतर ने हमास को समझौते की पेशकश की थी. इस पर हमास ने अपनी शर्तें लिखर कर इजरायल को दीं. हमास ने समझौते में मांग की कि वह इजरायल के सभी बंधकों को तभी छोड़ेगा जब इजरायल गाजा से अपनी सेना को हटा लेगा और फिलिस्तीनी बंधकों को छोड़ेगा. 


इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने हमास के इस प्रपोजल को ठुकरा दिया है. उनका कहना है कि वह हमास की शर्तों को नहीं मानेंगे और गाजा पर हमले जारी रखेंगे. इससे एक दिन पहले इजरायल की सेना ने कहा था कि इजरायल फिलिस्तीन में राफा शहर में हमले करेगा जहां पर गाजा के लोगे बहुत दैनीय हालत में हैं. 


आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. इस हमले में 1200 इजरायली मारे गए थे जबकि 300 से ज्यादा इजरायली बंधक बनाए गए थे. फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने इस हमले को अंजाम दिया था. इसके बाद से इजरायल ने हमास वाले इलाके गाजा पर हमले किए हैं. इन हमलों में 27 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं.