Pakistan को आर्थिक संकट से निकालता भारत, देता IMF से ज्यादा पैसे, बोले राजनाथ सिंह
Pakistan: भारत ने पाकिस्तान की मदद करने का इशारा किया है. राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर मे कहा है कि अगर पाकिस्तान से रिश्ते बेहतर होते, तो भारत आईएमएफ से ज्यादा फंड पाक को देता.
Pakistan: पाकिस्तान इस वक्त बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है. अब इस मामले में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह का बयान आया है. जम्मू-कश्मीर में एक रैली को खिताब करते हुए सीनियर लीडर राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान के रिश्ते बेहतर होते तो भारत पाक को आईएमएफ से ज्यादा फंड देता.
पाकिस्तान को कितना फंड दे चुका है आईएमएफ
अपने इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकटों में से एक से जूझ रहे पाकिस्तान को आईएमएफ ने हाल ही में 7 बिलियन डॉलर (लगभग 58,597 करोड़ रुपये) के नए कर्ज को मंजूरी दी है. पाक आईएमएफ का पांचवां सबसे बड़ा कर्जदार है. जिसपर संस्था क 6.28 बिलियन डॉलर कर्ज है और उसे 1958 से अब तक 22 बेलआउट पैकेज मिल चुके हैं.
क्या बोले डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह?
रक्षा मंत्री ने कहा, "मोदी जी ने 2014-15 में यहां [जम्मू और कश्मीर में] विकास के लिए एक खास पीएम पैकेज का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने 2014-15 में जम्मू-कश्मीर के लिए एक खास पीएम पैकेज दिया है. वह पीएम पैकेज अब बढ़ गया है और यह इतना पैसा है कि पाकिस्तान आईएमएफ से इससे कम फंड के लिए गुजारिश कर रहा था."
अटल बिहारी वाजपेयी का किया जिक्र
सीधे तौर पर राजनाथ सिंह का कहना था कि जितना फंड पाकिस्तान आईएमएफ से मांग रहा है, उससे ज्यादा इकलौता जम्मू-कश्मीर के एलॉट हो रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की टिप्पणी "आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं" का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा, "यदि बेहतर संबंध होते, तो हम पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मांगी गई राशि से अधिक धनराशि देते."
हर जांच में मिला पाकिस्तान का हाथ
राजनाथ सिंह ने इस्लामाबाद की आलोचना करते हुए कहा, ''पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवाद की फैक्ट्री चलाने के लिए दूसरे देशों से पैसे मांगता है.'' उन्होंने कहा कि जब भी एजेंसियों ने कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों की जांच की है, तो हमेशा पाकिस्तान उसमें शामिल पाया गया है.
उन्होंने कहा,"जब भी हमने आतंकवाद की जांच की है, हमें इसमें पाकिस्तान की संलिप्तता मिली है. हमारी सरकारों ने पाकिस्तान को यह समझाने की कोशिश की है कि उन्हें आतंकी शिविर बंद कर देने चाहिए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ."