ईरान के चीफ जस्टिस रह चुके थे इब्राहिम रईसी, फिर भी उन्हें क्यों कहा जाता था 1988 का जल्लाद ?
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ईरान के चीफ जस्टिस रह चुके थे इब्राहिम रईसी, फिर भी उन्हें क्यों कहा जाता था 1988 का जल्लाद ?

Iran President Ebrahim Raisi: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर 19 मई को हादसे का शिकार हो गया. जिसके बाद से रेस्कयू टीमों का सर्च ऑपरेशन जारी है. रेस्कयू टीम को हेलिकॉप्टर का मलबा मिला है.

ईरान के चीफ जस्टिस रह चुके थे इब्राहिम रईसी, फिर भी उन्हें क्यों कहा जाता था 1988 का जल्लाद ?

Iran President Ebrahim Raisi: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर 19 मई को हादसे का शिकार हो गया. जिसके बाद से रेस्कयू टीमों का सर्च ऑपरेशन जारी है. रेस्कयू टीम को हेलिकॉप्टर का मलबा मिला है. जिसके बाद ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि रेस्कयू टीम राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी तक नहीं पहुंच पाई है. इस बीच दावा किया गया है कि इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार सभी लोगों की मौत हो गई है. फिलहाल सर्च ऑरेशन तेज कर दिया गया है. यह हादसा ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में जोल्फा शहर के पास हुआ है.

कौन हैं इब्राहिम रईसी
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का जन्म 14 दिसंबर 1960 के उत्तर पूर्वी ईरान में मशहद शहर में हुआ था. इसी शहर में मुस्लिमों के लिए सबसे पाक मानी जाने वाली मस्जिद भी है. रईसी कम उम्र में ही ऊंचे ओहदे पर पहुंच गए थे. जबकि इब्राहिम रईसी के वालिद एक मौलवी थी. जब रईसी 5 साल के थे, तभी उनकी वालिद की मौत हो गई थी. इसके बाद उन्होंने 15 साल की उम्र से ही क़ोम शहर में मौजूद एक शिया संस्थान में पढ़ाई शुरू कर दी थी.

इब्राहिम रईसी के बारे में कहा जाता है कि वो पैगंबर मोहम्मद साहब के वंशज हैं. रईसी एक कट्टरपंथी विचारधारा के मानने वाले हैं. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ईरान की सबसे बड़ी सामाजिक इदारा और मशहाद शहर में स्थित 8वें शिया इमाम अली रजा की पाक दरगाह आस्तान-ए-क़ुद्स के संरक्षक भी रह चुके हैं.

रईसी को क्यों कहा जाता है कट्टरपंथी
वाजेह हो कि इब्राहिम रईसी साल 1988 में उन खुफिया ट्रिब्यूनल्स में शामिल हो गए थे, जिन्हें 'डेथ कमेटी' के नाम से जाना जाता है. दरअसल, ईरान में उन कैदियों पर दोबारा मुकदमा चलाया गया था, जो पीपल्स मुजाहिदीन ऑर्गनाइजेशन ऑफ ईरान के सपोर्टर थे और पहले से भी वह जेल की सजा काट रहे थे. ये सभी कैदी ईरान में वामपंथ की वकालत करते थे. जिन्हें मौत की सजा दी गई थी. इसमें सबसे बड़ा किरदार ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का था. इब्राहिम रईसी को साल 1988 का जल्लाद भी कहा जाता है.

सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के हैं करीबी
इब्राहिम रईसी साल 2004 से एक दशक तक ज्यूडिशियल अथॉरिटी के प्रमुख रहे. इसके बाद वह ईरान के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे हैं. उनको ईरान की सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई का करीबी माना जाता है. वो साल 2017 के राष्ट्रपति का इलेक्शन हार गए थे, इसके बाद उन्होंने साल 2021 के जून में ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे. 

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