सिंगरौली: सिंगरौली जिले में एक लाचार बाप को अपनी बेटी की लाश खाट पर 25 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, सिर्फ इसलिए कि उस लाचार और मजबूर बाप को एम्बुलेंस नहीं मुहैया कराई गई. जब ये खबर सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची तब अफसरों ने लीपापोती करना शुरू किया और कहने लगे कि मुत्तासिरा के गांव तक रोड सही नहीं था, इसलिए एम्बुलेंस नहीं फराहम कर पाए.


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क्या है मामला?
ये मामला निवास पुलिस चौकी इलाके के गड़ई गांव का हैं. यहां मुत्तासिरा धिरुपति की 16 वर्षीय नाबालिग बेटी ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली थी. धिरुपति ने इस वाक्ये की जानकारी निवास पुलिस चौकी को दी. खबर मिलने पर पहुंची पुलिस ने लाश का पंचनामा कर दिया. पोस्टमॉर्टम के लिए लाश को समुदायिक हेल्थ सेंटर ले जाने को कहा, लेकिन एम्बुलेंस का इंतिज़ाम नहीं किया गया. पुलिस के डर से लाचार पिता बेटी की लाश को खाट पर ही रखकर कुछ लोगों के साथ सामुदायिक हेल्थ सेंटर तक ले गया.


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अब पुलिस दे रही है सफाई
जब ये मामला सामने आया तो पुसिल ने उसे गुम्राह कुन बता दिया. सिंगरौली सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस ऑफिस से जारी बयान के मुताबिक, इस वाक्ये की खबर मिलने पर चौकी इंचार्ज निवास अरुण सिंह पुलिस अहलकार के साथ वहां पर 6 मई को पहुंचे थे. लाश को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक हेल्थ सेंटर निवास लाया गया और पोस्टमार्टम के बाद लाश को ट्रैक्टर के जरिए से गांव पहुंचाया गया.


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सीएसपी ने ये बयान दिया
वहीं इस मामले में सीएसपी अनिल सोनकर ने बताया कि प्राथमिक  हेल्थ सेंटर में पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं होती है. पोस्टमार्टम सामुदायिक हेल्थ सेंटर में या जिला अस्पताल में होते हैं. जंगल से गांव तक गाड़ी जाने का कोई रास्ता नहीं है. इस वजह से लाश को चारपाई पर लाना पड़ा.


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