13 जून को ही तामिलनाडु के सालेम में साम्यवाद और लेनिनवाद की मौजूदी में समाजवाद और ममता बनर्जी की शादी हई है. इस दौरान साम्यवाद के बेटे मार्क्सवाद भी मौजूद थे! राज्य में जारी कोविड प्रोटोकॉल और लॉकडाउन की वजह से शादी में सिर्फ करीबी रिश्तेदार ही शामिल हुए थे.
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सलेमः कई बार ऐसा कहा जाता है, “नाम में क्या रखा है, इंसान का किरदार बुलंद होना चाहिए.’’ लेकिन ज़रा रुकिए.. नाम में भी बहुत कुछ रखा है. अगर आपका नाम देश और दुनिया के किसी बड़े नेता, चिंतक, दार्शनिक या राजनीतिक विचारधारा के नाम पर हो और आपकी शादी किसी ऐसे ही यूनिक नाम वाले/वाली से हो जाए तो यह चर्चा का मौजूं बन जाता है. अभी कल ही यानी 13 जून को ही तामिलनाडु के सालेम में साम्यवाद और लेनिनवाद की मौजूदी में समाजवाद और ममता बनर्जी की शादी हई है. इस दौरान साम्यवाद के बेटे मार्क्सवाद भी मौजूद थे! राज्य में जारी कोविड प्रोटोकॉल और लॉकडाउन की वजह से शादी में सिर्फ करीबी रिश्तेदार ही शामिल हुए थे.
सोशल मीडिया पर शादी का कार्ड वायरल
दरअसल, सोशल मीडिया पर शादी का एक कार्ड वायरल होने के बाद यह शादी मशहूर हो गई है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे शादी के कार्ड में दुल्हन का नाम पी ममता बनर्जी और दूल्हे का नाम एएम सोशलज्मि लिखा हुआ है। इसमें शादी 13 जून को होने का जिक्र है। यूं तो इस शादी के कार्ड में कुछ भी हैरत वाली बात नहीं है, लेकिन कार्ड पर छपे दूल्हे और दुल्हन के नाम ने लोगों को हैरान कर दिया। इतना ही नहीं, कार्ड में दूल्हे के बड़े भाइयों के नाम एएम कम्युनिज्म और एएम लेनिनिज्म लिखे हैं। ऐसे में लोगों के जेहन में ये सवाल भी उठा कि शादी का यह कार्ड हकीकत है या किसी ने हंसी-मजाक में इसे एडिट कर दिया गया।
यह कोई झूठ नहीं, सच में हुई है शादी
इस कार्ड को लेकर लोगों के मन में आ रहे ऐसे ही सवालों का जवाब दूल्हे के वालिद ने दिया है. उन्होंने बताया कि शादी की दावत का यह कार्ड न तो नकली है और न कोई इसमें झूट है. यह कार्ड तमिलनाडु के सालेम जिले कट्टूर के अमानी कोंडलमपेटी का है. दूल्हे एएम सोशलज्मि के पिता का नाम लेनिन मोहन है, जो सालेम में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के जिला सेक्रेटरी हैं। उन्होंने अपने तीन बेटों का नाम साम्यवाद, लेनिनवाद और समाजवाद रखा था और पारिवारिक परंपरा के अनुसार, साम्यवाद ने उनके बेटे का नाम मार्क्सवाद रखा था।
ममता बनर्जी पहले से हैं रिश्तेदार
इसमें दिलचस्प बात यह है कि ममता बनर्जी लेनिन मोहन के दूर की रिश्तेदार हैं. ममता बनर्जी के दादा उस जमाने की कांग्रेस लीडर और अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कट्टर प्रशंसक थे। ऐसे में उन्होंने अपनी पोती का नाम ममता बनर्जी के नाम पर रखने का फैसला किया। ममता पहले कांग्रेस पार्टी की तेजतर्रार नेता और भारतीय युवा कांग्रेस की अध्यक्ष थीं।
लोगों के आ रहे हैं फोन
सोशल मीडिया पर इस शादी के वायरल होने के बाद सोमवार को सीपीई के तमिल मुखपत्र “जन शक्ति’’ में इस की खबर भी है. इसके बाद से लेनिन मोहन को सैंकड़ों फोन कॉल्स आ चुके हैं.लोग उनसे दूल्हे और दुल्हन के नाम को लेकर सवाल कर रहे हैं।
क्यों रखा गया आखिर ऐसा नाम
ऐसे नाम रखने की वजह बताते हुए लेनिन मोहन ने कहा कि सोवियत संघ का जब विघटन (1991) हुआ तो लोगों ने कहना शुरू किया कि कम्युनिज्म खत्म हो गया है और यह सियासी नजरिया अब दुनिया से खत्म हो जाएगी. उसी वक्त उनकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया. तभी लेनिन मोहन ने तय किया कि वह अपने बेटे का नाम कम्युनिज्म रखेंगे. लेनिन मोहन ने अपने पोते का नाम मार्कि्सज्म रखा है. लेनिन मोहन ने कहा कि पहले जहां इस तरह के नाम की वजह से स्कूल में उनके बेटों को लोग चिढ़ाते थे, वहीं अब हर कोई इस तरह के नाम की वजह से उनकी तारीफ कर रहे हैं।
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