Arvind Kejriwal के इस्तीफे के बाद कौन हो सकता है दिल्ली का अगला CM? ये हैं 4 बड़े दावेदार
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Arvind Kejriwal के इस्तीफे के बाद कौन हो सकता है दिल्ली का अगला CM? ये हैं 4 बड़े दावेदार

Next Delhi chief minister: दिल्ली के नई सीएम को लेकर सोच विचार जारी है. आज मनीष सिसोदिया और केजरीवाल की मीटिंग होने वाली है. कई बड़े नाम सामने निकलकर आ रहे हैं.

Arvind Kejriwal के इस्तीफे के बाद कौन हो सकता है दिल्ली का अगला CM? ये हैं 4 बड़े दावेदार

Next Delhi chief minister: अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे देने के ऐलान के बाद दिल्ली की सियासत में हलचल चल रही है. सवाल उठ रहा है कि अगर केजरीवाल इस्तीफा देते हैं तो उनकी जगह देश की राजधानी का सीएम कौन होने वाला है. दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को ऐलान किया की कि वह दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और कहा कि वह मुख्यमंत्री के रूप में तभी लौटेंगे जब लोग उन्हें "ईमानदारी का प्रमाण पत्र" देंगे.

कौन संभालेगा अरविंद केजरीवाल की गद्दी?

आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने अपने पार्टी सहयोगी और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अपना उत्तराधिकारी बनाने की संभावना से भी इनकार किया, जो शराब नीति मामले में भी आरोपी हैं. केजरीवाल ने कहा कि वह और सिसोदिया अपने-अपने पदों पर तभी लौटेंगे, जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं.

आतिशी मार्लेना

21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी होने के बाद आतिशी अपने डाइनमिक अप्रोच और पॉलिसी रिफॉर्म्स के लिए चर्चित नेताओं में से एक थीं. अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद से ही वह दिल्ली सरकार के कामकाज में अहम भूमिका निभा रही हैं और उनके पास 14 विभाग हैं, जो कैबिनेट मंत्रियों में सबसे ज़्यादा हैं. उनके पास शिक्षा, वित्त, योजना, पीडब्ल्यूडी, जल, बिजली और जनसंपर्क जैसे अहम मंत्रालय है. आतिशी दिल्ली विधानसभा की शिक्षा संबंधी स्थायी समिति की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.

गोपाल राय

49 साल के गोपाल राय अपने जमीनी स्तर पर जुड़े हुआ कामों के लिए जाने जाते हैं. 49 वर्षीय गोपाल राय एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं, जिनकी पृष्ठभूमि छात्र सक्रियता से जुड़ी है, और वे लंबे समय से दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं. वे पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव, विकास एवं सामान्य प्रशासन विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं. एक बार चुनाव प्रचार के दौरान उनके हाथ में गोली लग गई थी और वे आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए थे.

पॉल्यूशन कंट्रोल से लेकर श्रमिक कल्याण तक शहर के अहम मुद्दों से निपटने का उनका व्यावहारिक अनुभव उन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक बनाता है.

कैलाश गहलोत

कैलाश गहलोत दिल्ली की सियासत में अहम शख्स रहे हैं, जिन्हें परिवहन मंत्री के तौर पर उनके काम के लिए जाना जाता है. उनके नेतृत्व में, दिल्ली सरकार ने शहर के परिवहन बुनियादी ढांचे में सुधार करने में अहम डेवलपमेंट किया है, जिसमें बस सेवाओं का विस्तार, इलेक्ट्रिक बसों की शुरूआत और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने की कोशिश शामिल हैं.

सुनीता केजरीवाल

सुनीता केजरीवाल, अपने पति की तरह ही इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) की पूर्व अधिकारी हैं और उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक आयकर विभाग में काम किया है. वह दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में आप के लोकसभा अभियानों में एक प्रमुख चेहरा थीं. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद वह लगातार सीएम की जगह लोगों से बातचीत कर रही थीं.

ब्यूरोक्रेट का एक्सपीरियंस

पूर्व नौकरशाह होने के नाते, सुनीता केजरीवाल को नौकरशाही प्रक्रियाओं को संभालने और जटिल सार्वजनिक प्रणालियों को समझने में विशेषज्ञता है, जो दिल्ली की बहुमुखी चुनौतियों के प्रबंधन में फायदेमंद होगी.

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