Kejriwals Medical Examination: दिल्ली की एक अदालत ने सीएम अरविंद केजरीवाल की मेडिकल जांच के लिए सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को मेडिकल बोर्ड गठित करने की हिदायात दी हैं. ये बोर्ड तय करेगा कि केजरीवाल के ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन की जरूरत है या नहीं. अदालत ने कहा कि केजरीवाल जो घर का बना खाना खा रहे थे, वह उनके डॉक्टर द्वारा तैयार फूड चार्ट से अलग था.  केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और  प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामलों की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने केजरीवाल द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस की मदद से अपने डॉक्टर से सलाह लेने के लिए दाखिल अर्जी को खारिज करते हुए यह आदेश सुनाया.


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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी सेहत पर तिहाड़ जेल प्रशासन के बयानों पर नाराज़गी जाहिर की है और कहा है कि वह डायबिटीज के मरीज होने की वजह से रोजाना इंसुलिन की मांग कर रहे थे. इससे पहले, तिहाड़ जेल के एक सूत्र ने कहा था कि केजरीवाल ने 20 अप्रैल को एम्स के डॉक्टरों के साथ एक वीडियो परामर्श किया था, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली के सीएम को कोई "गंभीर स्वास्थ्य चिंता" नहीं है. ईडी ने शुक्रवार को दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के लीडर मेडिकल की बुनियाद पर जमानत लेने के लिए नियमित रूप से आम और मिठाई जैसे शुगर युक्त खाने का इस्तेमाल कर रहे थे. केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ईडी पर "ओछी" हरकत करने और उनके खाने का "राजनीतिकरण" करने का इल्जाम लगाया. 



अदालत ने एम्स के निदेशक को केजरीवाल की जांच के लिए एंडोक्राइनोलॉजिस्ट/मधुमेह विशेषज्ञ को शामिल करते हुए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का हुक्म दिया है. अदालत ने कहा कि बोर्ड तय करेगा कि उन्हें इंसुलिन दी जानी चाहिए या नहीं. साथ ही यह भी तय करेगा कि उन्हें किस तरह के खाने और व्यायाम योजना का पालन करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि मेडिकल बोर्ड द्वारा तय की गई आहार योजना से कोई बदलाव नहीं होगा.