जयपुर: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के उस बयान पर हमला बोला है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. AIMIM चीफ ने कहा है कि उन्हें बताना चाहिए कि देश में धार्मिक कट्टरता कौन फैला रहा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख ने रविवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम तो यह उम्मीद कर रहे थे कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बताते कि वो चंद लोग कौन हैं..उन्हें देश को बताना चाहिए वो लोग कौन हैं. उन्हें साफ बोलना चाहिए.'


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दरअसल इससे पहले डोभाल ने शनिवार को विभिन्न धर्मों के नेताओं से धर्म और विचारधारा के नाम पर वैमनस्यता पैदा करने की कोशिश कर रही कट्टरपंथी ताकतों का मुकाबला करने का आग्रह किया, जो देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालते . डोभाल ने ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (एआईएसएससी) की तरफ से आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में यह टिप्पणी की.


अंतरधार्मिक सम्मेलन में उठी PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग


इसके अलावा, अंतरधार्मिक सम्मेलन के दौरान 'विभाजनकारी एजेंडा' को आगे बढ़ाने और ‘‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों’’ में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया. हालांकि, ओवैसी ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. कट्टरपंथ को बढ़ावा देने संबंधी आरोपों पर ओवैसी ने कहा, 'हां पूरे भारत में हम ही कट्टरता फैलाते हैं, बाकी सब दूध के धुले हैं.' 


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श्रीलंका की सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे का समाधान नहीं किया


श्रीलंका में राजनीतिक संकट के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका की ये सूरते हाल इसलिये हुई क्योंकि वहां की सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे का समाधान नहीं किया...जनता को कुछ बताया नहीं.' उन्होंने कहा कि ‘‘डेटा निकलना चाहिए...डेटा बताना चाहिए..हम उम्मीद करते हैं कि भारत में उस तरह के हालात ना पैदा हो. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों से कार्यपालिका संसद में विधायका को कमजोर करने का प्रयास कर रही है जिससे बहस की गुंजाइश कम हो गई है. 


राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 पर है ओवैसी का फोकस


ओवैसी ने कहा, 'संसद के मॉनसून सत्र में 14 विधेयक पेश हुए और चंद मिनटों में पास भी हो गए. संसद में एक साल में सिर्फ 60-65 दिन ही बैठक होती है ऐसे में कैसे हम जनता के मुद्दों को उठाएंगे. उदयपुर की घटना के सवाल पर ओवैसी ने कहा ‘‘हमने घटना की निंदा की है और हमारा मानना है कि जब कन्हैयालाल ने पुलिस को शिकायत दी थी तब पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी. अगर उस वक्त कार्रवाई की गई होती यह घटना नहीं होती.' एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि राजस्थान में आगामी माह में पार्टी का एक कार्यक्रम भी होगा.


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