नई दिल्लीः सरकार ने जुमेरात को बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के जरिए अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरूवनंतपुरम और मेंगलुरू में वाके छह हवाईआड्डों का परिचालन, प्रबंधन और विकास के लिए मैसर्स अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) को 50 वर्ष की मियाद के लिए पट्टा दिया है. लोकसभा में महुआ मोइत्रा के प्रश्न के लिखित उत्तर में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह जानकारी दी. महुआ मोइत्रा ने पूछा था कि क्या छह विमानपत्तनों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से लेकर अडाणी समूह को सौंपा जा रहा है? उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या अडाणी समूह ने एएआई से अनुरोध किया था कि कोविड-19 के कारण इन विमानपत्तनों के अधिग्रहण में विलंब के लिए अपरिहार्य घटना संबंधी शर्त का सहारा लें. उन्होंने पूछा कि क्या अपरिहार्य घटना संबंधी शर्त को कबूल कर लिया गया?


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कोविड की वजह से एयरपोर्ट सौंपने में हुई देरी 
मोइत्रा के सवाल पर पर नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने लिखित जवाब में कहा, ‘‘ जी, हां . रियायत मांगने वाले ने कोविड-19 की पहली लहर की वजह से लॉकडाउन के मद्देनजर अपरिहार्य घटना का सहारा लिया और तीन हवाई अड्डों मेंगलुरू, अहमदाबाद और लखनऊ को अपने अधिकार में लेने के लिये 205 दिनों का वक्त मांगा था.’’ उन्होंने बताया कि एएआई ने इस संबंध में 3 महीने की मियाद बढ़ाई. इसके बाद ये हवाई अड्डे (मेंगलुरू, अहमदाबाद और लखनऊ) बढ़ाई गई मियाद के भीतर क्रमशः 31 अक्तूबर 2020, दो नवंबर 2020 तथा सात नवंबर 2020 को अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को सौंप दिए गए.


ताखीर की वजह से एयर इंडिया को नुकसान नहीं 
सिंधिया ने बताया कि बाकी तीन हवाई अड्डे जयपुर, गुवाहाटी और तिरूवनंतपुरम के संबंध में रियायत मांगने वाले ने कोविड-19 की दूसरी लहर का हवाला देते हुए ‘अपरिहार्य घटना’ का नोटिस जारी किया और छह महीने का वक्त मांगा. नागर विमानन मंत्री ने कहा कि एएआई ने तीन महीने की मियाद बढ़ाई. इस तरह इन हवाई अड्डों को रियायत मांगने वाले (अडाणी समूह) को अभी सौंपा जाना शेष है. जयपुर, गुवाहाटी और तिरूवनंतपुरम से एएआई को प्राप्त होने वाला राजस्व इन हवाई अड्डों को रियायत मांगने वाले को सौंपे जाने तक एएआई को ही हासिल होगा. इसलिये हवाई अड्डों को सौंपे जाने में विलंब की वजह से एएआई को कोई राजस्व नुकसान नहीं हुआ है.

एएआई का राजस्व घटकर 889 करोड़ रूपये हुआ 
सरकार ने जुमेरात को कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) का राजस्व इस साल अप्रैल-जून में घटकर 889 करोड़ रुपये हो गया जो दो साल पहले इसी अवधि करीब तीन हजार करोड़ रुपये था. नागर विमानन राज्य मंत्री वीके सिंह ने एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने रिपोर्ट किया कि अप्रैल-जून, 2019 के दौरान उसका राजस्व 2976.17 करोड़ रुपये था जो अप्रैल-जून, 2021 के दौरान घटकर 889 करोड़ रुपये हो गया.’’ 
 


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