UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद की मीडिया के सामने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद अब उनकी बहन ने इल्जाम लगाया है कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है.
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UP News: सांसद रह चुके अतीक अहमद की बहन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उनका इल्जाम है कि सरकार उनके परिवार को बनाकर मुठभेड़ में हत्या करने, गिरफ्तार करने और उत्पीड़न करने का अभियान चला रही है. बहन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह मांग की है कि पुलिस कस्टडी में उनके दोनों भाइयों की हत्या की जांच SC के सेवानिवृत्त नयायाधीश की निगरानी में कराई जाए. अर्जी में कहा गया है कि उन्होंने प्रायोजित हत्याओं में अपने भाईयों और भतीजे को खो चुकी हैं.
मीडिया के सामने हुई अतीक की हत्या
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद की हत्या कर दी गई थी. दोनों को पुलिस अस्पताल में जांच कराने के लिए ले जा रही थी, तभी मीडिया के सामने कुछ अपराधी आए और अतीक अहमद और उनके भाई को गोली मार दी.
अतीक अहमद की बहन ने दायर की याचिका
अतीक की बहन ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दाखिल की है उसमें उन्होंने लिखा है कि "अर्जीगुजार संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत तत्काल रिट याचिका के जरिए इस अदालत में गुहार लगाने को मजबूर है कि प्रतिवादियों की तरफ से चलाए जा रहे अभियान की जांच इस अदालत के किसी रिटायर्ड जज की सदारत वाली समिति या स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए."
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सरकार मिटाना चाहती है परिवार
अर्जी में इल्जाम लगाया गया है कि "प्रतिवादियों-पुलिस अधिकारियों को उत्तर प्रदेश सरकार का पूरा सपोर्ट है. उसने बदले की भावना के तहत अर्जीगुजार के परिवार के लोगों का कत्ल करने उन्हें गिरफ्तार करने और उनका उत्पीड़न करने की पूरी छूट दे रखी है." यह भी इल्जाम लगाया गया है कि "अर्जीगुजार के परिवार के लोगों को चुप करने के लिए सरकार उन्हें एक के बाद झूठे मामलों फंसा रही है."
इससे पहले भी उठ चुकी मांग
सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी ने एक दूसरी अर्जी लगाई गई है जिसमें उन्होंने अतीक अहमद और उनके बाई अशरफ के कत्ल के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की थी. इसके बाद सु्प्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा था कि अतीक और उसके भाई को जांच कराने के लिए ले जाते हुए उसे मीडिया के सामने क्यों पेश किया गया था?
यूपी सरकार का जवाब
इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार जांच कर रही है और इस सिलसिले में उसने तीन सदस्यीय आयोग बनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को घटना के बाद उठाए गए कदमों की रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
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