Mukhart Ansari: 23 साल पुराने मामले में बरी हुई बाहुबली मुख्तार अंसारी, साबित नहीं हुए आरोप
Mukhtar Ansari: एक तरफ जहां बाहुबली अतीक अहमद को अदालत की तरफ से 17 साल पुराने मामले में दोषी करार दिया गया है, वहीं बाहुबली मुख्तार अंसारी को 23 साल पुराने मामले में राहत मिली है.
Mukhtar Ansari: हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से खबर आई कि बाहुबली अतीक अहदम समेद 3 लोगों को 17 साल पुराने उमेश पाल मामले में दोषी करार दिया है. हालांकि एक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को अदालत की तरफ से राहत मिली है. अंसारी लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट ने 23 साल पुराने मामले में बरी कर दिया है. मुख्तार अंसारी पर आरोप था कि उन्होंने जेलर के साथ मारपीट की थी.
मुख्तार अंसारी पर 23 साल पहले आरोप लगा था कि जेल में बंदी मारा और जेलर को धमकाया गया है. हालांकि अदालत ने आरोप सिद्ध नहीं होने पर मुख्तार अंसारी, लालजी यादव, कल्लू पंडित, युसूफ चिश्ती और आलम को बरी कर दिया. अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा, इसलिए इन सभी को बरी किया जाता है.
आरोप में कहा गया था कि जब पेशी से वापस आए कैदियों को जेल में डाला जा रहा था तो उसी वक्त अंसारी के साथी बंदी चांद के साथ मारपीट करने लगे. दोनों के बीच मारपीट की आवाज सुनकर जेलर एसएन द्विवेदी और डिप्टी जेलर बैजनाथ राम चौरसिया बंदीरक्षक स्वामी दयाल अवस्थी के साथ उसको बचाने पहुंचे. जैसे ही यह लोग वहां पहुंचे तो मुख्तार के साथियों ने उनपर भी हमला कर दिया. एफआईआर में आगे कहा गया था कि आरोपियों ने जेलर और डिप्टी जेलर को भी धमकी दी थी कि परिवार के लोगों के साथ उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया जाएगा.
➤ 29 मार्च 2000 को पेशी से लौटते समय बंदी चांद से मारपीट का मुख्तार पर था आरोप.
➤ चांद को बचाने के दौरान जेलर और डिप्टी जेलर को धमकाने का मुख्तार पर था आरोप.
➤ 1 अप्रैल सन 2000 को थाना आलमबाग में जेलर एसएन द्विवेदी ने दर्ज कराया था मामला.
➤ 28 मार्च 2022 को मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप तय हुए थे.
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